डीएनए हिन्दी: चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party of China) के 20वीं कांग्रेस (20th Congress) में एक बार फिर शी जिंगपिंग (Xi Jinping) की ताजपोशी की तैयारी चल रही है. वहीं, दूसरी तरफ चीन में विरोध-प्रदर्शन का दौर शुरू हो गया है. शी जिंगपिंग की नीतियों से चीनी जनता परेशान है. पहली बार चीन की सड़कों पर शी जिंगपिंग को हटाने वाले बैनर दिख रहे हैं. खबर है कि इसके खिलाफ सरकार का दमनचक्र भी शुरू हो गया है.
बीजिंग के एक पत्रकार ने ट्वीट कर शी जिंगपिंग के विरोध वाले बैनरों के बारे में बताया. इनमें शी की जीरो कोविड पॉलिसी का विरोध देखने को मिला. साथ ही कोविड के नाम पर तालाबंदी को लेकर भी लोगों का गुस्सा सामने आया है. एक बैनर में तो शी जिंगपिंग को 'देशद्रोही तानाशाह' भी कहा गया.
बताया जा रहा है कि जैसे ही सोशल मीडिया पर वीडियो और तस्वीरें वायरल हुईं वहां के अधिकारियों ने तुरंत बैनरों को हटा दिया. एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि हैदिआन जिले के जिस सड़क पर एक बैनर लगा था वहां से धुआं उठते देखा गया है. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि विरोधियों के खिलाफ चीनी सरकार का दमन शुरू हो गया है.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक बैनर पर लिखा था कि 'आइए हम अपना काम बंद करें. स्कूल, ऑफिस से हड़ताल करें और गद्दार तानाशाह शी जिंगपिंग को हटा दें.'
Photos online purport to show a rare protest in Beijing’s Haidian district just ahead of the 20th Party Congress.
— Bill Birtles (@billbirtles) October 13, 2022
Extraordinary given pre-Congress security + surveillance
Among the slogans: ‘Don’t want PCR tests, want to eat’
‘Don’t want a Cultural revolution, want reforms’ pic.twitter.com/9RwyDb36RM
एक दूसरे बैनर में लिखा था कि 'हम कोविड की जांच नहीं चाहते हैं. हम लॉकडाउन भी नहीं चाहते हैं. हम भोजन चाहते हैं. हम मुक्त होना चाहते हैं.'
ध्यान रहे कि बीजिंग की जीरो कोविड पॉलिसी, यात्राओं पर प्रतिबंध, क्वरांटाइन और बार-बार लॉकडाउन लगाने को लेकर देश के भीतर भी भारी आलोचना हो रही है. आम चीनी नागरिक इसको लेकर गुस्से में हैं.
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चीनी नागरिक ऐसी उम्मीद कर रहे थे कि 20वीं कांग्रेस के बाद जीरो कोविड पॉलिसी समाप्त हो जाएगी. लेकिन, चीन की सरकारी मीडिया के संपादकीय में कोविड को लेकर सख्त कार्रवाई की बात ने लोगों की सभी आशाओं को धराशायी कर दिया है. अभी हाल ही में जीरो कोविड पॉलिसी को लेकर शंघाई में भी लॉकडाउन देखने को मिल रहा है.
एक्सपर्ट बता रहे हैं कि चीन में कोविड को लेकर बनाए गए कठोर प्रावधानों से आर्थिक विकास ठप हो गया है. चीन का रियल एस्टेट मंदी की चपेट में है. लोगों से रोजगार छिन रहा है. आम चीनी इससे बेहद परेशान हैं.
ताइवान को लेकर शी जिंगपिंग आक्रमक नीतियों की वजह से अमेरिका और चीन का तनाव चरम पर है. 2020 में गलवान घाटी संघर्ष के बाद भारत के साथ भी चीन के संबंध तनावपूर्ण हैं. भारत ने ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के साथ मिलकर हिंद-प्रशांत महासागर में चीन को घेरने के लिए क्वाड का गठन किया है. इन सभी समस्याओं के लिए आम चीनी शी जिंगपिंग की नीतियों को जिम्मेदार मान रहे हैं.
शी जिंगपिंग के कार्यकाल में शिनजियांग प्रोविन्स में बड़े पैमाने पर मानवाधिकार उल्लंघन की खबरें भी आती रहती हैं. आरोप लगता रहा है कि चीनी प्रशासन उइगरों के साथ जानवरों जैसा सलूक करती है.
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'शी जिंगपिंग गद्दार तानाशाह'...चीनी राष्ट्रपति के खिलाफ बगावत, सरकारी दमन भी शुरू