बांग्लादेश (Bangladesh) में आरक्षण को लेकर जारी प्रदर्शन (Protest) अब पूरी तरह से हिंसक (Violent) हो चुका है. प्रदर्शनकारियों की तरफ से बड़े स्तर पर आगजनी, पथराव और तोड़फोड़ की घटनाएं हुई हैं. बांग्लादेश में ये आंदोलन पिछले कई दिनों से जारी है. ये आंदोलन मुख्य रूप से सरकारी नौकरियों में मिल रहे आरक्षण के खिलाफ है. इस आंदोलन को रोकने में वहां की पुलिस पूरी तरह से नाकामयाब रही है.
पूरे देश में कर्फ्यू लागू
शुक्रवार यानी कल पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया है. साथ ही सुरक्षा बलों के डिपोर्ट कर दिया गया है. हॉस्पिटल के अधिकारियों से मिली सूचना के आधार पर एएफपी ने रिपोर्ट किया है कि प्रदर्शन में शामिल छात्रों और पुलिस के बीच जारी भिड़ंत में करीब 105 लोगों की मौत हो गई है. छात्रों और युवाओं की ओर से जारी ये प्रदर्शन सत्ताधारी सरकार और पीएम शेख हसीना के लिए एक बड़ा संकट बनकर उभरा है.
क्यों हो रहा है प्रदर्शन
प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि देश बेरोजगारी की जद में बुरी तरह के जकड़ा हुआ है, और खास कोटे के तहत कुछ लोगों को आरक्षण के द्वारा सरकारी नौकरियां दी जा रही है. साथ ही एक बड़ी आबादी की उपेक्षा की जा रही है. छात्र और युवा इस मुद्दे को लेकर पूरे देश में एक साथ आ चुके हैं. बांग्लादेश विगत कई सालों से इस तरह के प्रदर्शनों का सामना कर रहा है. आपको बताते चले कि बांग्लादेश में 1971 में हुए आजादी की लड़ाई में शरीक हुए लोगों के परिजनों को वहां की सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिया जाता है. सन 71 में आवामी लीग की अगुवाई में बांग्लादेश पाकिस्तान से आजाद हुआ था. इस आरक्षण के लाभार्थी ज्यादातर आवामी लीग के समर्थक ही हैं. इसलिए भी सरकार पर आरक्षण के नाम पर भेदभाव करने का आरोप लगाया जा रहा है. छात्रों की मांग है कि इस आरक्षण को तुरंत खत्म किया जाए, और सरकार के सभी विभागों में मेरिट के हिसाब से नियुक्तियां की जाए.
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प्रदर्शन की आग में झुलसा Bangladesh, अब तक 105 की मौत, पूरे देश में कर्फ्यू लागू