बांग्लादेश में तख्तापलट (Bangladesh Unrest) के बाद शेख हसीना ने भारत में ही है. पड़ोसी देश में अंतरिम सरकार का गठन हो गया है और भारत की ओर से नई सरकार को बधाई भी दी गई है. इस उथल-पुथल के बीच पूर्व पीएम शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि कुछ साजिश करने वाले तत्वों ने देश की महान विरासत को राख में मिला दिया है. मेरे पिता बंग-बंधु राष्ट्रपिता शेख मुजीबुरर्हमान का अपमान किया गया है. देश के शहीदों का अपमान किया गया है.
देश के नाम शेख हसीना ने जारी किया संदेश
बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने देश के नाम संदेश जारी किया है. उन्होंने 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस के तौर पर मनाने की अपील की है. बता दें कि 15 अगस्त, 1975 के ही दिन पूर्व पीएम के पिता और बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुरर्हमान और उनके परिवार के 18 सदस्यों की हत्या एक सैन्य टुकड़ी ने कर दी थी. इस हत्याकांड शेख मुजीब की पत्नी, 3 बेटों समेत परिवार के कई सदस्यों की जन गई थी.शेख हसीना और उनकी बहन उस वक्त जर्मनी में थे जिस वजह से उनकी जान बच गई थी.
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शेख हसीना ने राष्ट्र के नाम जारी संदेश में कहा, 'यह दिन देश के लिए एक महत्वपूर्ण है और हमें याद रखना चाहिए कि उस दिन कौन सी दुखद घटना हुई थी. 1975 में बांग्लादेश के राष्ट्रपिता, बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान, उनकी पत्नी बेगम फज़िलातुन्नेसा और उनके परिवार के कई सदस्यों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. शेख भवन हमारी महान विरासत का प्रतीक है जिसे धूल-धसारित किया गया. मेरे पिता और देश के शहीदों का अपमान किया गया है.'
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Bangladesh छोड़ने के बाद पहली बार बोलीं Sheikh Hasina, 'मेरे पिता का अपमान हुआ'