मालदीव (India Maldives Tension) में चीन समर्थक सरकार बनने के बाद से भारत के साथ तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है. दूसरी ओर पड़ोसी देश बांग्लादेश में भी भारत विरोधी अभियान 'इंडिया आउट' कैंपेन शुरू हो गया है. इस कैंपेन को बांग्लादेश की विपक्षी पार्टी बीएनपी (BNP) चला रही है और इसे खूब समर्थन भी मिल रहा है. भारत के लिए यह एक नई मुश्किल हो सकती है. बांग्लादेश के साथ भारत के व्यापाक सामरिक और आर्थिक संबंध रहे हैं.
BNP चला रही है भारत विरोधी कैंपेन
बांग्लादेश के उदय के साथ ही भारत के अपने इस पड़ोसी देश के साथ बेहतरीन संबंध रहे हैं. अब वहां की मुख्य विपक्षी पार्टी बीएनपी मालदीव के तर्ज पर भारत विरोधी कैंपेन चला रही है. बीएनपी के प्रमुख नेता जनरल रुहुल कबीर रिजवी ने हाल ही में 'इंडिया आउट' कैंपेन के समर्थन अभियान के दौरान अपनी कश्मीरी शॉल जला दी थी.
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भारतीय उत्पादों के बहिष्कार का ऐलान
भारत और बांग्लादेश के बीच अब तक अच्छे आर्थिक और कूटनीतिक संबंध रहे हैं. हालांकि, बीएनपी यह आरोप लगा रही है कि भारत हमेशा से शेख हसीना की पार्टी का समर्थन करती है. नई दिल्ली ने कभी ढाका का समर्थन नहीं किया. भारत विरोधी अभियान में बीएनपी नेता भड़काऊ बयान दे रहे हैं. साथ ही, भारतीय उत्पादों के बहिष्कार का भी दावा कर रहे हैं.
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बांग्लादेश में अपनी दखल बढ़ाना चाहता है चीन
विपक्षी पार्टी बीएनपी के भारत विरोधी अभियान से भारत के लिए मुश्किल हो सकती है. पिछले कुछ वर्षों में चीन के साथ बांग्लादेश की साझेदारी बढ़ी है. चीन एशिया में अपना दखल बढ़ाने की कोशिश लगातार कर रहा है. भारत और पाकिस्तान दोनों से भौगोलिक तौर पर करीब होने की वजह से चीन के लिए बांग्लादेश रणनीतिक तौर पर अहम हो गया है. चीन की चुनौतियों से निपटने के लिए भारत के लिए भी बांग्लादेश पर नजर रखना जरूरी है.
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मालदीव के बाद बांग्लादेश में भी 'इंडिया आउट कैंपेन', समझें पूरा खेल