Bangladesh: बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल इस्लाम ने हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं को स्वीकार कर लिया है. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि कुछ हिंसात्मक घटनाएं हुई हैं, जो राजनीति से प्रेरित थीं. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठा रही है. शफीकुल इस्लाम ने इस्कॉन संगठन पर प्रतिबंध की खबरों को झूठा बताया है. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में इस्कॉन पर किसी भी प्रकार का बैन नहीं लगाया जाएगा. साथ ही सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.
अमेरिका ने जताई चिंता
अमेरिका ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा पर गहरी चिंता जताई है. अमेरिकी कांग्रेसी ब्रैड शर्मन ने 3 दिसंबर को एक बयान में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है. उन्होंने इस संदर्भ में बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त से जांच की भी मांग की है. शर्मन ने मौजूदा अमेरिकी प्रशासन से अपील की कि वह बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा पर कड़ी कार्रवाई करे और उनकी रक्षा को प्राथमिकता दे.
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चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी
बांग्लादेश में हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास को राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. उनकी गिरफ्तारी के बाद अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बढ़ गई हैं. बांग्लादेश सरकार का दावा है कि हिंसा के कई मामले राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित थे. हिंदू समुदाय के कई सदस्य आवामी लीग का समर्थन करते हैं, जिससे राजनीतिक तनाव पैदा हो रहा है.
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बांग्लादेश सरकार ने हिंदू अल्पसंख्यकों पर हिंसा की बात स्वीकारी, इस्कॉन पर बैन की अफवाहों को किया खारिज