डीएनए हिंदीः पैगंबर मोहम्मद की तस्वीरों को लेकर हमेशा बवाल हो जाता है. एक बार फिर ऐसा ही मामला सामने आया है. एक प्रोफेसर को अपने स्टूडेंट्स को पैगंबर मौहम्मद की तस्वीर दिखाना भारी पड़ गया. यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर ने क्लास में पैगंबर मोहम्मद की पेंटिंग दिखा दी थी, जिसके बाद एक मुस्लिम स्टूडेंट ने उसकी शिकायत कर दी. ये पेंटिंग 14वीं सदी की थी. रिपोर्ट्स में बताया गया है कि प्रोफेसर ने पेंटिंग दिखाने से पहले स्टूडेंट्स को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर उन्हें दिक्कत है तो वह बता सकते हैं. मामला अमेरिका के हैमलिन यूनिवर्सिटी का है.
छात्रों ने जताई आपत्ति
प्रोफेसर ने स्टूडेंट्स को पैगंबर मोहम्मद की 14वीं सदी की पेंटिंग दिखाई थी. क्लास में पढ़ने वाली मुस्लिम छात्रा को ये बिल्कुल ठीक नहीं लगा, जिसके बाद उसने प्रोफेसर को इसकी सजा दिलवाई. अराम वेदताल्ला नाम की स्टूडेंट ने कहा कि ये घटना उसके धर्म पर हमला है. इसके बाद प्रोफेसर को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा. 42 साल की प्रोफेसर एरिका लोपेज प्रैटर ने क्लास में पेंटिंग दिखाने से पहले बकायदा स्टूडेंट्स से पूछा था कि उन्हें ये दिखाए जाने से कोई दिक्कत तो नहीं है. अगर किसी को दिक्कत है तो वो क्लास छोड़कर जा सकता है. उनका कहना है कि बावजूद इसके कोई स्टूडेंट न तो क्लास से बाहर गया और न ही किसी ने पेंटिंग दिखाए जाने का विरोध किया. ये मामला बीते साल अक्टूबर में हुए एक लेक्चर का है. लेकिन इससे जुड़ी रिपोर्ट अब सामने आई है.
प्रोफेसर को नौकरी से धोना पड़ा हाथ
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोईट के अनुसार, प्रोफेसर को हैमलिन यूनिवर्सिटी की प्रेसीडेंट फैयनीज मिलर ने नौकरी से निकाल दिया है. प्रोफेसर से कहा गया है कि एकेडमिक स्वतंत्रता से उपर मुस्लिम स्टूडेंट्स के सम्मान को ऊपर रखा गया है. जिसके बाद हैमलिन यूनिवर्सिटी की प्रेसीडेंट मिलर ने बच्चों को लेटर लिखकर माफी मांगी.
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अमेरिका में प्रोफेसर ने दिखाई पैगंबर मोहम्मद की पेंटिंग, यूनिवर्सिटी ने दी ये 'सजा'