डीएनए हिंदी: अपने कामों के लिए लोग फ्लाइट में सवारी करते हैं और अगर हम आपको काहे की एक दिन ऐसा हो कि आप फ्लाइट की सवारी कर रहे हो और अचानक कुछ टूट जाए. हवाई जहाज में चारों तरफ अफरा तफरी मच जाए और लोग इधर-उधर भागते हुए चीखने चिल्लाने लगे तो आप क्या करेंगे. जाहिर सी बात है कि ऐसी कल्पना भी आप नहीं करना चाहते होंगे लेकिन अप्रैल 1988 में एक विमान में ऐसा ही कुछ हुआ था. हम आपको ऐसी ही एक हैरान कर देने वाली कहानी बताएंगे.
अमेरिका के हवाई प्रांत में हिलो एयरपोर्ट से हवाई की राजधानी होनोलुलु के लिए एलोहा एयरलाइंस की फ्लाइट संख्या 243 ने 28 अप्रैल, 1988 को उड़ान भरी तो सब कुछ ठीक था. ये एक बोइंग 737-200 सीरीज का विमान था, जिसको होनोलुलु जाना था. ये फ्लाइट इस उड़ान से पहले दिन में तीन रिटर्न उड़ान भर चुकी थी लेकिन कहीं कोई दिक्कत नहीं हुई. ये महज 35 मिनट की फ्लाइट थी और दिन में सातवीं यात्रा थी. इस फ्लाइट के कैप्टन 44 वर्षीय रॉबर्ट स्कॉर्न्सथाइमर थे, जबकि फर्स्ट ऑफिसर 36 वर्षीय मिमी टॉम्पकिन्स थी. इन दोनों को कुल 12 हजार घंटे प्लेन उड़ाने का अनुभव था.
फ्लाइट में मच गया था हाहाकार
50 मिनट के इस हवाई सफर के लिए बोइंग 737-297 फ्लाइट हिलो के लोकल समय से दोपहर 1.25 बजे उड़ी और करीब 1.48 बजे वो 24 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रही थी जब अचानक एक धमाकेदार आवाज के साथ फ्लाइट की छत टूट गई. इसके बाद फ्लाइट में हाहाकार शुरू हो गया. ये देखते हुए पायलट रॉबर्ट स्कॉर्न्सथाइमर ने उड़ान की कमान अपने हाथ में ले ली. और अपनी को-पायलट मिमी टॉम्पकिन्स से नजदीकी हवाई अड्डे से संपर्क करने को कहा. वहां पर सबसे पास का हवाई अड्डा कहुलुई था लेकिन वहां फ्लाइट ले जाना कठिन था क्योकि रास्ते में बहुत पहाड़ थे. सबसे अहम बात यह भी थी कि प्लेन की हालत ऐसी न थी कि उसे पहाड़ों के ऊपर से ले जाया जा सके.
कहुलुई हवाई अड्डे पर ही कराई लैंडिंग
एकबारगी रॉबर्ट ने सोचा प्लेन को पानी पर लैंड करा दिया जाए लेकिन टूटे हुए प्लेन को पानी में उतारने में खतरा ज्यादा था. इसलिए उन्होंने सब कुछ किस्मत के हाथ छोड़, प्लेन को मोड़ने का फैसला लिया. दोनों ने फ्लाइट को 13 मिनट के अंदर करीब 1.58 बजे सबसे पास के मॉई आइलैंड के कहुलुई एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंड करा दिया. लैंडिंग सेफ रही और लैंडिंग के तुरंत बाद पायलट ने सारे यात्रियों को इमरजेंसी तरीके से बाहर निकाला.
हादसे में एक शख्स की मौत
इस हादसे में कुल 7 लोगों को गंभीर चोटें आईं. लगभग 60 लोग घायल हुए थे. उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया. इस भयानक हादसे में मात्र एक की जान गई और वो एयरहोस्टेस क्लाराबेली थीं. उनके अलावा विमान पर सवार 65 लोग घायल तो हुए लेकिन उनकी जान बच गई. हादसा तकरीबन 15 मिनट लंबा था लेकिन ये 15 मिनट फ्लाइट पर सवार यात्रियों के लिए 15 युगों के बीत जाने जैसा था. इस हादसे के बाद लोगों को यकीन ही नहीं हो रहा था कि सफल लैंडिंग कैसे हो पाई. इस हादसे के बाद एयर कैरियर मेंटेनेंस प्रोग्राम और निगरानी कार्यक्रम शुरू किए गए. इसके साथ ही इंजीनियरिंग डिजाइन के प्रमाणीकरण और गुणवत्ता के लिए नए मानदंड तय किए गए.
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