भारत ने कंबोडिया से 360 भारतीयों को रेस्क्यू कर लिया गया है. इन्हें फ्रॉड एजेंसी ने नौकरी का लालच देकर कंबोडिया भेजा था. वहां जाने के बाद इनसे साइबर फ्रॉड जैसे काम कराए जाते थे.भारतीय दूतावास गुरुवार ने बताया कि इन सभी लोगों को जिनबेई-4 नामक जगह से 20 मई को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया.
60 लोग भारत लौटे
मिली जानकारी के मुताबिक, फ्रॉड एम्प्लॉयर के चंगुल में फंसे 60 नागरिकों का पहला बैच वापस स्वदेश लाया जा चुका है. बाकी लोगों के ट्रैवल डॉक्यूमेंट और अन्य चीजों की जांच की जा रही है और उन्हें भी जल्द ही भारत लाया जाएगा.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, मोटी सैलरी के झांसे में आकर कई भारतीय कंबोडिया चले गए थे. कंबोडिया से लौटे एक शख्स ने बताया कि मंगलुरु को एक एजेंट ने उसे कंबोडिया में डेटा एंट्री की नौकरी ऑफर की थी. उसके बाद दो और लोगों को कंबोडिया ले जाया गया. उसने बताया कि उन्हें टूरिस्ट वीजा पर ले जाया गया. वहां जाने क बाद उनकी टाइप करने की स्पीड का टेस्ट हुआ और इंटरव्यू लिया गया.
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ऑफिस जॉइन करने के बाद उन्हें पता चला कि उनका काम फेसबुक पर उन लोगों के बारे में पता लगाना है जिनके साथ आसानी से ठगी हो सके. लोगों को फंसाने के लिए उनसे महिलाओं के नाम पर फेसबुक आईडी बनवाई जाती थी और उनसे ये सारा काम चीन की एक टीम कराती थी.
अब इस मामले में कंबोडिया से अब तक 360 भारतीयों को रेस्क्यू कर लिया गया है. जानकारी के अनुसार, सिहानोकविले प्रशासन की मदद से ये ऑपरेशन चला. इसके लिए उन्होंने कंबोडियाई प्रशासन को धन्यवाद कहा, साथ ही भारतीय दूतावास कंबोडिया में नौकरी की चाहत रखने वालों के लिए लगातार एडवाइजरी जारी कर सलाह दी है कि सिर्फ विदेश मंत्रालय द्वारा एप्रूव किए गए एजेंटों की मदद से ही नौकरी की तलाश करें.
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विदेश में मोटी कमाई का लालच पड़ा भारी, कंबोडिया में फंसे 360 भारतीयों को किया रेस्क्यू, जानिए पूरा मामला