क्या आप सोच सकते हैं कि कोई आपको बस सोने के लिए लाखों रुपये दे सकता है? बेंगलुरु की एक निवेश बैंकर साईश्वरी के साथ ऐसा ही कुछ हुआ, जब उन्होंने सिर्फ सोकर 9 लाख रुपये जीत लिए. सुनने में यह अविश्वसनीय लगता है, लेकिन यह बिल्कुल सच है! साईश्वरी ने हाल ही में वेकफिट कंपनी के स्लीप इंटर्नशिप प्रोग्राम के तीसरे सीजन में हिस्सा लिया और 'स्लीप चैंपियन' का खिताब अपने नाम कर लिया. इस चैंपियनशिप की इनामी राशि ने उन्हें रातों-रात लखपति बना दिया है.
क्या है यह स्लीप इंटर्नशिप प्रोग्राम?
वेकफिट का यह इंटर्नशिप प्रोग्राम खासतौर पर उन लोगों के लिए बनाया गया है जो अपनी नींद को सबसे ज्यादा महत्व देते हैं. इस प्रोग्राम के तहत, चुने गए इंटर्न को हर रात आठ से नौ घंटे की नींद पूरी करनी होती है. इतना ही नहीं, प्रतिभागियों को दिन में 20 मिनट की पावर नैप (दोपहर की झपकी) लेने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है.
कैसे बनते हैं 'स्लीप चैंपियन'?
वेकफिट के इस इंटर्नशिप में 12 स्लीप इंटर्न का चयन हुआ था, और साईश्वरी भी इन्हीं में से एक थीं. सभी इंटर्न को एक प्रीमियम गद्दा और स्लीप ट्रैकर भी दिया गया ताकि उनकी नींद को मॉनिटर किया जा सके. इसके अलावा, इंटर्न्स ने अपनी नींद की आदतों को बेहतर बनाने के लिए विशेषज्ञों द्वारा आयोजित वर्कशॉप में भी हिस्सा लिया, जिससे उनकी 'स्लीप चैंपियन' बनने की संभावना बढ़ सके.
कड़ी टक्कर के बाद बनीं 'स्लीप चैंपियन'
साईश्वरी का यह सफर आसान नहीं था. इस प्रोग्राम में एक सख्त सोने के कार्यक्रम का पालन करना होता है और अन्य गतिविधियों में भी सक्रिय रूप से हिस्सा लेना पड़ता है. इसके अलावा, इंटर्न्स को लगातार अपनी नींद की गुणवत्ता सुधारने की कोशिश करनी होती है. साईश्वरी ने मीडिया से बात करते हुए बताया, इंटर्नशिप के दौरान अपनी नींद के स्कोर को सुधारना एक चुनौती भरा काम था. उन्होने आगे कहा कि आप परीक्षा की तैयारी तो कर सकते हैं, लेकिन क्या आप नींद की भी तैयारी कर सकते हैं? फिनाले के दिन, मेरा उद्देश्य था कि मैं शांत रहूं और उस समय को पूरी तरह से महसूस कर सकूं.
63 लाख रुपये का स्टाइपेंड
वेकफिट के मुख्य विपणन अधिकारी (सीएमओ) कुणाल दुबे के अनुसार, यह इंटर्नशिप प्रोग्राम भारत के लोगों को नींद के प्रति जागरूक बनाने का एक प्रयास है. पिछले तीन सालों में, इस प्रोग्राम के लिए 1 मिलियन से ज्यादा आवेदन मिले हैं. अब तक 51 इंटर्न्स को हायर किया गया है, और उन्हें 63 लाख रुपये का स्टाइपेंड भी दिया गया है.
ड्रीम जॉब या कड़ी मेहनत?
हालांकि सुनने में यह काम किसी ड्रीम जॉब की तरह लगता है, लेकिन इसमें इंटर्न को सख्ती से सोने के कार्यक्रम का पालन करना और अन्य गतिविधियों में भी सक्रिय रूप से हिस्सा लेना पड़ता है. इस प्रोग्राम का मकसद सिर्फ सुलाना नहीं, बल्कि नींद की गुणवत्ता में सुधार करना है. साईश्वरी के अनुसार जैसे-जैसे मैं इस इंटर्नशिप का हिस्सा बनी मेरी इसमें दिलचस्पी बढ़ती गई.
नींद से लाखों की कमाई
इस अनोखे इंटर्नशिप प्रोग्राम ने न केवल साईश्वरी को लखपति बना दिया, बल्कि यह दिखा दिया कि नींद की गुणवत्ता पर ध्यान देना कितना महत्वपूर्ण है. अगर आप भी अपनी नींद को महत्व देते हैं, तो वेकफिट का अगला सीजन आपके लिए एक सुनहरा मौका हो सकता है. कौन जानता है, अगला 'स्लीप चैंपियन' आप ही हों.
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