डीएनए हिंदी: आपने अपने जीवन में चोरी और हत्या की कई खबरें पढ़ी और देखी होंगी लेकिन आज जो मामला हम आपको बताने जा रहे है उसपर यकीन करना आपके लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है. ये कहानी है टेरेसिटा बासा नाम की एक लड़की की. फिलिपींस में जन्मी टेरेसिटा ने बचपन में घर से अच्छी परवरिश और तालीम हासिल करने के बाद अपनी आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका जाने का फैसला किया. टेरेसिटा को लड़कपन से ही पियानो से खास लगाव था. यही वजह रही कि अपने करियर के शुरुआती दिनों में उन्होंने अमेरिका के शिकागो शहर में रहकर म्यूजिक में MA करना शुरू कर दिया लेकिन जैसे-जैसे वक्त गुजरता गया, टेरेसिटा का ध्यान म्यूजिक से हटकर मेडिकल की किताबों में ज्यादा लगने लगा. इसके बाद उन्होंने मेडिकल की ओर अपना रुख कर लिया. यहां वे एक हॉस्पिटल से जुड़ी और फिर वहीं काम करने लगीं. समय बीतता गया और देखते ही देखते टेरेसिटा 47 साल की हो चुकी थीं.
21 फरवरी 1977, शाम का समय था. फोन की घंटी बजती है तो दूसरी तरफ से टेरेसिटा की एक पुरानी दोस्त की आवाज आती है. कुछ देर तक हाल चाल जानने का सिलसिला चलता है और फिर टेरेसिटा ये कहकर फोन रख देती हैं कि चलो बाकि बातें बाद में, आज घर पर कोई आने वाला है. इसके बाद करीब एक घंटे बाद न जानें क्या होता कि अचनाक टेरेसिटा के अपार्टमेंट से धुंआ नीकलने लगता है और देखते ही देखते ये धुंआ आग का रूप ले लेता है.
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आस-पड़ोस के लोगों से जानकारी मिलने के बाद फायर ब्रिगेड की एक टीम घटनास्थल पर पहुंचती है. आग पर काबू पाने की कोशिश ही की जा रही होती है कि तभी लोगों की नजर एक कारपेट पर पड़ती है. ये कारपेट घर के अंदर से लुड़कता हुआ बाहर की तरफ आ रहा था. इसके बाद आगे बुझाकर कारपेट को खोला गया तो लोगों का चीखें निकल गईं. उसके अंदर टेरेसिटा की आधी जल चुकी लाश थी. उसके शरीर पर एक इंच कपड़ा नहीं था. कुछ था तो सीने में घुसा हुआ एक बड़ा सा खंजर.
पहली नजर में मामला कत्ल का लग रहा था. क्योंकि टेरेसिटा के शरीर पर कपड़े भी नहीं थे तो इसे रेप से भी जोड़ा गया. हालांकि, पोस्टमार्टम की रिपोर्ट ने इस अनुमान को जड़ से खारिज कर दिया. इसके बाद एक और अनुमान लगाया गया, घर का सारा सामान बिखरा पड़ा था तो हो सकता है कि हत्या लूटपाट के इरादे से की गई हो. पुलिस टेरेसिटा के मां-बाप और उसके कुछ दोस्तों से पूछताछ करती है लेकिन कहीं कोई सुराग हाथ नहीं लग पाता है. इसके बाद घर की तलाशी ली गई तो मौके से एक चिट्ठी मिली, इसमें लिखा था, 'Get theatre ticket for AS.' इसके अलावा और कुछ नहीं मिला.
पुलिस के दिमाग में अब बस एक ही बात चल रही थी कि आखिर ये 'AS' क्या है? किसी का नाम, अगर हां तो किसका? छानबीन चलती रही, दिन से महीने और महीनों से साल बीत गए लेकिन सुईं अभी भी 'AS' पर ही अटकी हुई थी.
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इसके बाद एक दिन अचानक केस को हैंडल करने वाले डिटेक्टिव जोसफ स्टैचुला को दफ्तर की टेबल पर एक नॉट रखा हुआ नजर आता है. इस नॉट में लिखा था कि टेरेसिटा मामले में एक गवाह मिला है और वो कुछ बताना चाहता है. इसके बाद डिटेक्टिव फौरन पुलिस स्टेशन पहुंचते हैं और पूछते हैं कि इतने दिनों बाद कौन और कैसे मिला? इसपर पुलिस वाले कहते हैं, एक डॉक्टर उनके पास आए थे जिन्होंने बताया कि वो टेरेसिटा के कत्ल के बारे में कोई जानकारी देना चाहते हैं. यहां से डिटेक्टिव डॉक्टर के पास पहुंचते हैं और उनसे उस सुराग के बारे में पूछते हैं.
हालांकि यहां जो डॉक्टर ने बताया वो कुछ अटपटा सा था. डॉक्टर का कहना था, 'मैं किसी टेरेसिटा को नहीं जानता, हां पिछले कुछ दिनों से मेरी पत्नी बेहद अजीब हरकतें कर रही है. वो नींद में बड़बड़ाती है, रात को बात करते-करते उसकी आवाज बदल जाती है. ये पहले कभी नहीं हुआ था.' डॉक्टर ने बताया, 'एक रात मेरी पत्नी सो रही थी, थोड़ी देर बाद अचानक ही वो कुछ कहने लगी. हैरान करने वाली बात ये थी वो जो कुछ कह रही थी वो उसकी आवाज में नहीं था. यानी पत्नी तो मेरी थी लेकिन वो आवाज किसी और की थी. वो कह रही थी, मेरा कत्ल हुआ है और मेरे कातिल का नाम Allan Showery है. वो मेरे घर TV ठीक करने आया था, उसने मुझे मारा.. उसी ने मारा है.'
डॉक्टर ने आगे बताया, 'पहले तो मुझे लगा कि ये मेरे मन का वहम है लेकिन अगली रात फिर वही सब हुआ और इस बार मामला बिगड़ चुका था. वो आवाज मुझपर चिल्ला रही थी. कह रही थी कि तुमने ठीक नहीं किया, मैंने तुमसे मदद मांगी और तुमने मेरी एक न सुनी. अब तुम्हारी बीवी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. इसके बाद मैं डर गया था. मैंने उससे माफी मांगी और उसकी मदद करने का भरोसा दिया. वो मुझसे बार-बार एक ही बात कह रही थी कि TV मैकेनिक का नाम Allan Showery है. उनके मेरे गहने अपनी गर्लफ्रेंड को दिए है. तुम मेरे परिवार के पास जाओ वो ज्वेलरी देखते ही मान जाएंगे. इसके बाद उसने मुझे Allan Showery और उसकी गर्लफ्रेंड का नंबर भी दिया.'
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अब डिटेक्टिव सोच में पड़ गया था. डॉक्टर की बातों पर भरोसा नहीं किया जा सकता था लेकिन फिर उनके मन में उस चिट्ठी का ख्याल आया. 'AS' क्या ये वही है? क्या Allan Showery ही 'AS' है? सालों पुराने केस की फाइल एक बार फिर से खोली गई. एक-एक कर डॉक्टर की हर बात पर गौर किया गया. इस दौरान सबसे पहले टीवी की जांच की गई. पता लगाया गया कि क्या टेरेसिटा का टीवी वाकई खराब था?
डॉक्टर की बात सच निकली वो टीवी खराब था और उस दिन उसे ठीक भी किया गया था. यानी 'AS' नाम की गुत्थी कुछ हद तक सुलझ गई थी. जांच आगे बढ़ी तो पता चला की Allan Showery उसी अस्पताल में काम करता था जिसमें टेरेसिटा काम किया करती थी. उसे धर दबोचा गया. अब अलगा पड़ाव था वो गहने. पुलिस Allan Showery की मदद से उसकी प्रेमिका तक भी पहुंच गई. यहां उससे उन गहनों के बारे में सवाल किए गए तो पता चला कि ये वही गहने थे. सब कुछ साफ था. हत्या का आरोपी भी पुलिस के कब्जे में था लेकिन बड़ा सवाल ये था कि एक आत्मा की गवाही की बात पर यकीन कौन करेगा?
बात कोर्ट में पहुंची तो Allan Showery के वकील ने उसे यह दलील देकर बचा लिया कि उसने चोरी तो की लेकिन टेरेसिटा का कातिल कोई और है. Allan उसके घर से केवल गहने लेकर भागा था. इसके बाद वहां क्या हुआ इसके बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है. यानी बात फिर वहीं पहु्ंच गई थी. पुलिस Allan को चोरी के इलजाम में ज्यादा दिन तक हिरासत में नहीं रख सकती है. मजबूरन पुलिस को उसे छोड़ना पड़ा.
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एक बार फिर केस की फाइलें धूल खाने को तैयार थी लेकिन न जानें क्या हुआ कि Allan ने खुद ही पुलिस के सामने आकर सरेंडर कर दिया. उसने खुद अपना गुनाह कबूल करते हुए बताया, '21 फरवरी 1977 को टेरेसिटा ने मुझे फोन पर TV खराब होने की बात बताई थी. ऐसा पहले भी हो जाया करता था. मैं अक्सर उसका टीवी ठीक करने जाया करता था और फिर हम साथ में कॉफी पिया करते थे. उस रात करीब 8:30 बजे जब मैं TV ठीक करने गया तो मुझे पता था की टेरेसिटा घर पर अकेली है. बस मेरा मन बदल गया और मैंने उसके यहां चोरी करने का प्लान बनाया लेकिन टेरेसिटा ने मुझे ऐसा करते हुए देख लिया था. मैं डर गया था कि अब ये सबको इस बारे में बता देगी. इसलिए मैंने उसे मार दिया. मैंने उसका गाला घोंटा और फिर उसके सीने में खंजर घोंप दिया. फिर उसके कपड़े उतारकर उसकी लाश को एक कारपेट में लपेट दिया और उसमें आग लगा दी.'
खुद अपना जुर्म कबूल करने के बाद Allan Showery को 20 साल की सजा सुनाई गई. हालांकि, कहा ये भी जाता है कि उसने अपनी मर्जी से ऐसा नहीं किया था बल्कि उसे सलाखों के पीछे पहुंचाने वाली खुद टेरेसिटा थी. केस के बाद शिकागो पुलिस ने इसे 'VOICE FROM THE GRAVE' नाम दिया और फिर 1996 में इस कहानी के लेकर एक फिल्म भी बनाई गई जो आज भी इंटरनेट पर मौजूद है.
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