डीएनए हिंदी: अगर आप बीयर पीने के शौकीन हैं तो ये खबर पढ़कर आपको झटका लग सकता है क्योंकि आज हम आपको एक ऐसी बीयर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे बनाने में सीवेज वॉटर है (जिसमें पेशाब और मल बहता है), का इस्तेमाल किया जाता है. जी हां, सिंगापुर में सीवेज वॉटर से बनी बीयर को मार्केट में उतारा गया है. हैरानी की बात तो ये है कि इकोफ्रेंडली के नाम पर इस बीयर की सेल भी धड़ल्ले से चल रही है. यही नहीं, मार्केट में बीयर की डिमांड भी लगातार बढ़ती चली जा रही है. ये जानते हुए भी कि इसे किस तरह से तैयार किया गया है, लोग इसे काफी पसंद कर रहे हैं.
क्या है बनाने का तरीका?
रिपोर्ट्स की मानें तो सिंगापुर में पानी की कमी है. इसके चलते यहां बीयर को सीवेज वॉटर से तैयार किया जा रहा है. जानकारी के लिए बता दें कि ये वही सीवेज वॉटर है जिसमें पेशाब और मल बहता है. इस तरीके से बनाई जाने वाली बीयर को यहां 'न्यूब्रू' नाम से बेचा जा रहा है. इसके अलावा इसे हरी बीयर भी कहा जाता है.
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हालांकि इसे बनाने में सुरक्षा के लिहाज से सभी मापदंडों को पालन किया गया है. यानी ऐसा नहीं है कि ये गंदे पानी से बनी है तो इसे पीने वाले बीमार हो जाएंगे. बीयर को एकदम तरीके से तैयार किया गया है.
क्या है कारण?
दरअसल, सिंगापुर में पानी के दोबारा इस्तेमाल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से न्यूब्रू बनाई जा रही है. इसके लिए सबसे पहले सीवेज वॉटर को रिसाइकल किया जाता है. फिर बीयर में प्रीमियम जर्मन जॉ माल्ट, सुंगधित सिट्रा और कैलीप्सो हॉप्स और नार्वे से फार्म हाउस यीस्ट की मांग वाले क्वेइक का भी इस्तेमाल होता है. टेस्ट में ये आम बीयर जैसी ही है.
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अब मल और पेशाब के पानी से बन रही है Beer, खूब पसंद कर रहे पियक्कड़!