डीएनए हिंदी: काम कुछ भी हो, लेकिन यदि आप पूरी लगन और मेहनत से करते हैं तो यह आपकी किस्मत बदल देता है. अब तक आपने यह बात किताबों में ही पढ़ी होगी, लेकिन जम्मू निवासी साहिल सिंह के मामले में यह बात पूरी तरह सच हो गई है. इंजीनियरिंग डिग्री होने के बाद भी स्विगी कंपनी के फूड डिलीवरी बॉय का काम करने के लिए मजबूर साहिल 3 किलोमीटर पैदल चलकर एक कस्टमर का खाना पहुंचाने गए. उनकी कहानी सुनकर कस्टमर इतना प्रभावित हुआ कि उसने प्रोफेशनल सोशल मीडिया प्लेटफार्म लिंक्डइन पर पूरी बात पोस्ट कर दी और उसके लिए नौकरी की अपील की. नतीजतन साहिल को अब एक बढ़िया नौकरी मिल गई है.
टेक कंपनी में मार्केटिंग मैनेजर ने पोस्ट की साहिल की स्टोरी
साहिल की स्टोरी लिंक्डइन पर प्रियांशी चंदेल ने पोस्ट की थी, जो टेक कंपनी Flash में मार्केटिंग मैनेजर की पोस्ट पर हैं. प्रियांशी ने लिखा, मैंने आइसक्रीम ऑर्डर की थी, जिसे लेकर एक भूखा और थका हुआ स्विगी डिलीवरी एजेंट पहुंचा. मेरा ऑर्डर करीब 30-40 मिनट लेट था, तो मैंने इसका कारण पूछा. साहिल सिंह ने मेरा फूड पार्सल हैंडओवर करते हुए अपना दुख प्रियांशी को सुनाया. साहिल ने बताया कि कैसे वह 3 किलोमीटर पैदल चलकर उनके फ्लैट तक पहुंचा है, क्योंकि उसके पास पैसा नहीं है और व्हीकल भी नहीं है.
इंजीनियर होने की बात सुनकर हैरान रह गईं प्रियांशी
प्रियांशी के मुताबिक, 30 साल के साहिल ने उनसे कहा, मैम, मेरे पास सफर करने के लिए स्कूटी या कोई अन्य ट्रांसपोर्ट नहीं है. मैं आपके ऑर्डर के लिए 3 किलोमीटर पैदल चलकर आया हूं. मेरे पास पैसा पूरी तरह खत्म हो चुका है और अपने फ्लैटमेट के कारण मैं इस समय YULU Bikes पर 235 रुपये के माइनस चार्ज में हूं. मेरे पास अपने मकानमालिक को किराया देने के भी पैसे नहीं है. आप सोच रही होंगी कि मैं कहानी बना रहा हूं, लेकिन मैं पूरी तरह पढ़ा-लिखा इलेक्ट्रिकल एंड कम्युनिकेशन इंजीनियर हूं. प्रियांशी के मुताबिक, वे यह सुनकर हैरान रह गईं.
बायजूस में करता था काम, कोरोना के कारण छोड़ी नौकरी
30 साल के साहिल ने प्रियांशी को आगे बताया कि वह कोविड के दौरान अपने घर जम्मू वापस जाने से पहले वह बायजूस और निंजाकार्ट के साथ काम करता था. कोरोनाकाल में नौकरी चले जाने पर मुझे वापस जाना पड़ा था. उसने कहा, इस ऑर्डर के लिए भी मुझे महज 20-25 रुपये मिलेंगे और मुझे 12 बजे से पहले दूसरी डिलीवरी लेनी पड़ेगी या वे मुझे कहीं दूर डिलीवरी के लिए भेज देंगे और मेरे पास बाइक नहीं है. साहिल ने आगे बताया कि उसने एक सप्ताह से खाना भी नहीं खाया है और वह केवल पानी व चाय पीकर ही काम चला रहा है. मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकता हूं, कृपया मेरे लिए कोई नौकरी तलाश दीजिए. मुझे इससे पहले 25 हजार रुपये महीना मिलते थे. मेरे माता-पिता बुजुर्ग हैं और मैं उन्हें पैसे भेजने के लिए नहीं कह सकता.
प्रियांशी ने लिंक्डइन पर पोस्ट की स्टोरी
प्रियांशी चंदेल ने साहिल की स्टोरी लिंक्डइन पर पोस्ट करने के साथ ही उसकी मार्कशीट, सर्टिफिकेट्स और अन्य दस्तावेजों की फोटो भी अपलोड की. साथ ही उसका ई-मेल एड्रेस भी दिया. इसके साथ ही उन्होंने लिंक्डइन यूजर्स से साहिल के लिए किसी भी तरह की नौकरी तलाशकर उसकी मदद करने की अपील की. पोस्ट पढ़ने के बाद बहुत सारे यूजर्स ने साहिल की मदद की. कुछ लोगों ने उसकी यूलू बाइक रिचार्ज करा दी तो कुछ ने उसके जरिये ही फूड डिलीवरी ऑर्डर किए.
रंग लाई प्रियांशी की मेहनत, साहिल को मिल गई नौकरी
प्रियांशी की यह मेहनत रंग लाई और साहिल को नौकरी मिल गई है. प्रियांशी ने अपनी पोस्ट को बाद में अपडेट किया, जिसमें लिखा, डिलीवरी बॉय को नौकरी मिल गई है. उन सभी का धन्यवाद, जो उसकी मदद के लिए आगे आए हैं.
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