What is Gen Beta in New Year 2025: नया साल शुरू होने में अब कुछ ही घंटे शेष रह गए हैं. रात में नए साल की शुरुआत का घंटा बजते ही एक नया युग शुरू हो जाएगा. आने वाले साल को वैज्ञानिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Inteligence) का युग माना जा रहा है. इसका मतलब है कि हमारी जिंदगी में उपयोग की जा रही तकनीक का स्तर एआई के कारण बदलना शुरू हो जाएगा. इसे बड़ा बदलाव माना जा रहा है, लेकिन इसके साथ ही ह्यूमन जनरेशन (Human Genration) भी एक नए युग में एंट्री कर जाएगी. दरअसल वैज्ञानिकों का मानना है कि नए साल के साथ ही इंसान जेन-Z-अल्फा जनरेशन से आगे निकलकर जेन-Z-बीटा के युग में एंट्री कर जाएंगे. इसके बाद 2025 से 2039 तक पैदा होने वाले सारे बच्चे Gen-Z-Beta का हिस्सा होंगे.
क्या होता है जनरेशन में बदलाव का मतलब
इंसान जिस तरह से सामाजिक, औद्योगिक और तकनीकी तरक्की करता जा रहा है, उसी तरह से उसका अपना भी विकास होता है. यह विकास दो पीढ़ियों के बीच एक गैप पैदा करता है, जिसे जनरेशन गैप कहते हैं. यह जनरेशन गैप दो पीढ़ियों की सोच, कामकाज के तरीके से लेकर हर चीज में नजर आता है. इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि 1981 से 1996 तक पैदा हुए बच्चों को मिलेनियल्स कहा जाता है. 1996 से नए जनरेशन यानी Gen-Z की शुरुआत हुई, जिसका युग 2010 तक चला. साल 2010 में फिर जनरेशन बदली और Gen-Z-Alpha की शुरुआत हुई, जो अब साल 2025 की शुरुआत के साथ ही पीछे छूट जाएगी और एक नई व अलग सोच वाली पीढ़ी इसका स्थान लेगी, जिसे Gen-Z-Beta कहा जाएगा. यह जनरेशन साल 2039 तक चलेगी.
क्या है जनरेशन में इस बदलाव का मतलब
जेन-बीटा के बच्चे एआई और डिजिटल कनेक्टिविटी के दौर में पैदा होकर विकसित होंगे. इनके दौर में ये तकनीकें और ज्यादा तेजी से डवलप होंगी. इससे इन बच्चों का भी मानसिक विकास और ज्यादा तेजी से होगा. इसे ऐसे समझ सकते हैं कि स्मार्ट फोन के दौर में पैदा हुई जेन-अल्फा के बच्चे उससे पहले की जेन-जेड के बच्चों के मुकाबले ज्यादा तेजी से डिजिटल तकनीक को समझते हैं और उस पर एक्शन लेते हैं. अब जेन-बीटा के बच्चे जेन-अल्फा से भी ज्यादा विकसित होंगे. ऐसे बच्च क्वांटम कंप्यूटिंग और मेटावर्स जैसी तकनीकों के दौर में बड़े होंगे, जिससे उनकी स्मार्ट उपकरणों पर पकड़ और समझ जेन-अल्फा से भी ज्यादा विकसित होगी.
इंसान को अगली सदी में लेकर जाएगी जेन-बीटा
जनरेशन रिसर्चर्स के मुताबिक जेन-बीटा के ज्यादातर बच्चे 22वीं सदी यानी साल 2100 देखने के लिए जिंदा रहेंगे. माना जा रहा है कि इन 75 साल में तकनीक बेहद तेजी से विकसित होगी. इससे जेन-बीटा उसके उपयोग की नई ऊंचाई से जुड़ी रहेगी. भविष्यवादी मार्क मैक्रिंडल ने हालांकि जनरेशन बीटा नामक ब्लॉग में लिखा है कि नई जनरेशन को तकनीकी विकास के साथ ही सामाजिक व पर्यावरणीय चुनौतियां भी विरासत में मिलेगी. ऐसे में उनसे इन चुनौतियों का जवाब तलाशन की उम्मीद रहेगी.
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नए साल के साथ बदल जाएगी पीढ़ी, अब Gen Z-Alpha नहीं इस जनरेशन की होगी बात