Success Story: यदि आप कुछ नया करना चाहते हैं तो बाधाएं हमेशा आपकी राह रोकेंगी. कुछ लोग होते हैं, जो इन बाधाओं से थककर हार जाते हैं, जबकि कुछ इन बाधाओं के बीच ही अपने लिए राह बनाते हैं. बाधाओं से पार पाने के रास्ते तलाशते हैं और फिर जीत हासिल कर खुद तो सफल होते ही हैं. साथ ही दूसरों के लिए भी प्रेरणा की लकीर खींच जाते हैं. यह कहानी भी ऐसे ही एक युवा की है, जो राजस्थान के बीकानेर जिले से निकलकर अब डिजिटल ब्रांडिंग की दुनिया में खुद को ब्रांड बना चुका है. यह युवा है मेहुल पुरोहित, जो छोटी सी उम्र में ही कई अवॉर्ड जीत चुके हैं. बॉलीवुड फिल्मों से लेकर म्यूजिक और स्पोर्ट्स इंडस्ट्री तक, सभी के लिए डिजिटल ब्रांडिंग करने वाले मेहुल पुरोहित का मानना है कि भीड़ में सफलता उसी को मिलती है, जो सबसे हटकर अपनी अलग पहचान बनाता है. यही मूल मंत्र वे सोशल मीडिया के जरिये खुद को पूरी दुनिया के सामने ब्रांड बनाने की कोशिश करने वाले युवाओं को देते हैं.
बड़ा चैलेंज था बीकानेर जैसे एरिया से डिजिटल फील्ड में नाम कमाना
मेहुल पुरोहित के पिता कृति कुमार पुरोहित का निधन कम उम्र में हो गया था. उनकी मां मधु पुरोहित ने छोटे-छोटे काम करके मेहुल और उनके भाई को पढ़ाया-लिखाया. अपनी सफलताओं का मेंटर मेहुल अपनी मां को ही मानते हैं, जिन्होंने हमेशा असफलता में आगे बढ़कर उन्हें संभाला और फिर से जुटने के लिए प्रेरित किया. मेहुल का कहना है कि जब उन्होंने डिजिटल ब्रांडिंग में अपना करियर बनाने की सोची तो सभी हैरान हुए, क्योंकि बीकानेर जैसी जगह पर इसके लिए कोई बड़ा स्कोप नहीं था. ना ही वहां इससे जुड़ा कोई ट्रेनिंग कोर्स ही अवलेबल था. ऐसे समय में मेहुल ने गूगल और यूट्यूब की मदद से डिजिटल ब्रांडिंग के गुर सीखे और अपने लिए राह बनाई.
हासिल कर चुके हैं कई बड़े अवॉर्ड
अपनी मेहनत के बूते कई बड़े अवॉर्ड हासिल कर चुके मेहुल ने छोटी सी उम्र में ही कई बड़े अवॉर्ड हासिल किए हैं. साल 2022 में Youngest Entrepreneur of Asia चुने गए मेहुल को Economic Times Young Industry Leaders Award 2023 भी मिल चुका है. इसके अलावा भी कई अवॉर्ड उन्होंने हासिल किए हैं और छोटे शहर के युवाओं के सफलता पाने के सपने को साकार बनाया है.
सोशल मीडिया पर लोग छोटी सफलता के लिए आ रहे
मेहुल पुरोहित हालांकि आजकल सोशल मीडिया पर आ रहे कंटेंट को लेकर बहुत खुश नहीं हैं. उनका कहना है कि लोग अपनी मेहनत और क्रिएटिविटी के बजाय हॉट रील्स और बोल्ड कंटेंट को फेमस होने का जरिया मानने लगे हैं. उनको कोशिश सार्थक ब्रांडिंग के बजाय केवल ध्यान खींचने के लिए छोटी सफलता पाने पर है. लेकिन यह सफलता अस्थायी है. सच्ची सफलता और टिकाऊ पहचान मेहनत, क्रिएटिविटी और सही ब्रांडिंग से ही मिलती है. जो लोग इस पर ध्यान देते हैं, वे ही लंबे समय तक सफल होते हैं. यदि किसी क्रिएटर को असली पहचान बनानी है, तो उसे अपनी कला और विचारधारा को सही तरीके से प्रस्तुत करना होगा, न कि केवल सस्ती पॉपुलैरिटी के लिए हॉट रील्स का सहारा लेना होगा.
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यूट्यूब को गुरु बनाकर सीखी डिजिटल ब्रांडिंग, कर दिया कमाल, प्रेरित कर देगी इस युवा की कहानी