डीएनए हिंदी: Nikah In Hindu Temple- कुरान की आयतों को पढ़ते हुए निकाह के पाक रिश्ते में बंधने के लिए दूल्हा-दुल्हन के बीच 'कबूल है, कबूल है' की स्वीकृति. यह नजारा आपने किसी मस्जिद या किसी मुस्लिम परिवार के घर ही देखा होगा, लेकिन हिमाचल प्रदेश में एक हिंदू मंदिर का परिसर सोमवार को मुस्लिम रिवाज से हुए निकाह का साक्षी बना. इस निकाह में महज ये ही खास बात नहीं थी बल्कि पूरी दुनिया में हिंदुत्ववाद के लिए बदनाम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और विश्व हिंदू परिषद (VHP) के पदाधिकारी भी दूल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद देने के लिए इस निकाह के साक्षी रहे. निकाह में परिसर हिंदू था, लेकिन उसमें हर धर्म के लोग शामिल हुए. इस निकाह की चर्चा भारत ही नहीं अब पूरी दुनिया के मीडिया में हो रही है. कहीं इसे हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक बताकर तारीफ की जा रही है तो कहीं इसके लिए आलोचना भी की जा रही है.
दूल्हा था मुस्लिम और दुल्हन थी हिंदू
यह अनूठा निकाह हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के शिमला (Shimla) जिले के रामपुर (Rampur Himachal Pradesh) में हुआ. रामपुर के सत्यनारायण मंदिर (Satyanarayan Temple) में हुए इस निकाह में हिंदू-मुस्लिम महज यही नाता नहीं था बल्कि हिंदू मंदिर में मुस्लिम निकाह होने के पीछे की कहानी भी खास है. दरअसल इस निकाह में दूल्हा मुस्लिम युवक था, जो पेशे से सिविल इंजीनियर है. इसके उलट दुल्हन हिंदू परिवार से थी, जो एमटेक इंजीनियर है. मंदिर के बराबर में एक मस्जिद भी है. इसके बावजूद दूल्हा-दुल्हन ने मंदिर में निकाह करने का निर्णय लिया. जब बारात आई तो उसका स्वागत मंदिर में परंपरागत हिंदू तरीके से ही किया गया, लेकिन उसके बाद अग्नि के सात फेरों की जगह एक मौलवी ने दो वकीलों और गवाहों की मौजूदगी में कुरान की आयतों के साथ निकाह की प्रक्रिया पूरी कराई.
दुल्हन के पिता भी थे निकाह के समर्थन में
यह विवाह दुल्हन के पिता महेंद्र सिंह मलिक की मर्जी से किया गया, जिसके लिए उन्होंने बाकायदा पूरी तैयारी भी की. उन्होंने कहा कि निकाह में हर धर्म का इंसान शामिल हुआ. उन्होंने विहिप और मंदिर ट्रस्ट की तरफ से मिले सहयोग की भी प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि इस निकाह के जरिये रामपुर की जनता ने समाज में भाईचारे का संदेश दिया है.
मंदिर चलाता है VHP, कैंपस में ही मौजूद है RSS कार्यालय
मंदिर का पूरा संचालन विश्व हिंदू परिषद के हाथ में है, जबकि RSS का कार्यालय भी मंदिर कैंपस में ही है. मंदिर ट्रस्ट के महासचिव विनय शर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह निकाह सांप्रदायिक सद्भाव का उदाहरण रहा, जिसका प्रसार हर तरफ होना चाहिए.
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सत्यनारायण मंदिर में गूंजा 'कबूल है, कबूल है', कहां और कैसे हुआ ऐसा मुस्लिम निकाह, पढ़िए पूरी बात