Bangkok Viral Video: 'जिंदगी कभी रूकती नहीं है बाबू मोशाय' आपने मशहूर हिंदी फिल्म का ये डायलॉग जरूर सुना होगा, लेकिन ये असल जिंदगी पर भी पूरी तरह फिट बैठता है. म्यांमार में शुक्रवार को दोपहर 12.50 बजे कुछ मिनटों के अंदर आए 7.7 मैग्नीट्यूड और 6.4 मैग्नीट्यूड के भूकंपों ने पूरे साउथ एशिया में तबाही मचाई है. इस भूकंप के कारण इंडोनेशिया, थाईलैंड, वियतनाम, भारत में भी धरती हिली है. इस दौरान मची तबाही में जहां हजारों लोगों की मौत हुई है, वहीं जिंदगी के कुछ अनूठे पहलू भी देखने को मिले. सबसे अनूठी बात बैंकॉक में हुई, जहां भूकंपों के कारण 30 मंजिला इमारत के भरभराकर गिरने की खबर है. भूकंप के कारण फैले मौत के इस खौफनाक कहर के कारण बने दुख के माहौल में उस समय उत्साह भर गया, जब ऐसे हालात में भी डॉक्टर अपनी ड्यूटी नहीं भूले और सड़क पर ही गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी कराकर बच्चों को इस दुनिया में लाने की जिम्मेदारी पूरी करने लगे. इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं.
भूकंप आते ही पेशेंट्स को लेकर बाहर दौड़े डॉक्टर
थाई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैंकॉक में भूकंप के झटके शुरू होते ही पुलिस जनरल हॉस्पिटल की बिल्डिंग कांपने लगी. ये देखकर डॉक्टर तत्काल पेशेंट्स को लेकर बाहर की तरफ भागने लगे. भूकंप के समय एक गर्भवती महिला की सर्जरी के जरिये डिलीवरी कराई जा रही थी. डॉक्टरों को उस महिला को भी सर्जरी के बीच में ही हॉस्पिटल से बाहर लेकर आना पड़ा.
बाहर आते ही फिर शुरू हो गई महिला की सर्जरी
पुलिस जनरल हॉस्पिटल के प्रवक्ता पुलिस कर्नल सिरीकुल श्रीसांगा ने बताया कि हॉस्पिटल बिल्डिंग से बाहर आकर सड़क पर एक सुरक्षित हिस्से में पहुंचते ही डॉक्टरों ने महिला की फिर से सर्जरी शुरू कर दी. इस दौरान उसे चारों तरफ से हेल्थकेयर स्टाफ ने घेरकर बाकी दुनिया से प्राइवेसी का इंतजाम किया. सड़क पर ही महिला ने बेबी बॉय को जन्म दिया.
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
इस डिलीवरी का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें दिख रहा है कि महिला स्ट्रेचर पर लेटी हुई है और हॉस्पिटल स्टाफ खुले में उसकी डिलीवरी कराने में मदद कर रहा है. फुटेज में बहुत सारी स्ट्रेचर पर हॉस्पिटल के बाकी मरीज भी खुले इलाके में शिफ्ट करते हुए दिखाई दे रहे हैं, जहां डॉक्टर उनका इलाज करने में जुटे हुए हैं.
Heartbreaking footage of the moment when the doctor nurse and medical personnel at Ramathibodi hospital rushed to the hospital 🏥 to evacuate patients from the building for safety after the earthquake pic.twitter.com/ehKpPVrgtC
— 💝🌹💖🇮🇳jaggirmRanbir🇮🇳💖🌹💝 (@jaggirm) March 29, 2025
बाहर आने पर इसलिए करना पड़ी सर्जरी
Thai Enquirer ने पुलिस लेफ्टिनेंट कर्नल जीरामृत के हवाले से बताया कि भूकंप आने के समय महिला की सर्जरी जारी थी. डॉक्टरों ने जैसे ही उसकी एब्डॉमिनल वॉल को बंद करने लगे, तभी भूकंप के झटके शुरू हो गए. सर्जिकल टीम ने उसे स्टैबलाइज करने और महिला को सुरक्षित जगह ले जाने का निर्णय लिया. बाहर आने पर डॉक्टरों ने उसकी दोबारा जांत की तो इंफेक्शन और अन्य मेडिकल कारणों से तत्काल उसके पेट को बंद करने की जरूरत महसूस की गई. इस आपात स्थिति को देखते हुए सर्जिकल टीम ने तत्काल उसकी एब्डॉमिनल वॉल को सील किया. इस पूरी प्रक्रिया में महज 10 मिनट का समय लगा.
Footage during the earthquake in a baby was born in the park Waht a story to tell ‘’ I was born during the earthquake ‘’ pic.twitter.com/7E0FdzfPEf
— Miia 🩵 (@i30199) March 28, 2025
पूरी तरह सुरक्षित हैं मां और बच्चा
महिला की सर्जरी करने वाले सर्जन के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि मां और बच्चे की हालत पूरी तरह स्थिर है और दोनों अब हॉस्पिटल के एक कमरे में रिकवरी कर रहे हैं. दरअसल अस्पताल स्टाफ को भूकंप की हालत में किस तरह का रिस्पॉन्स देना चाहिए, इसकी ट्रेनिंग नहीं मिली थी. इसके चलते उन्होंने मरीज की सुरक्षा के लिए फायर इवेक्यूएशन प्लान-3 को यूज करने का निर्णय लिया. उनका यह निर्णय पूरी तरह सही साबित हुआ. पुलिस जनरल हॉस्पिटल की बिल्डिंग को भूकंप के बाद सिविल इंजीनियरों ने जांच की है. इसके बाद मरीजों को तीन अलग-अलग इलाकों में शिफ्ट किया गया है.
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'जिंदगी कभी रूकती नहीं बाबू मोशाय' बैंकॉक में भूकंप के बीच सड़क पर पैदा कराया डॉक्टरों ने बच्चा, Viral Video