बिहार (Bihar) में लालू प्रसाद यादव का क्रेज अभी कम नहीं हुआ है. उनके प्रशंसक उनसे मिलने का एक बहाना खोजते हैं. लालू यादव (Lalu Prasad Yadav) के तीन कट्टर समर्थक शुक्रवार को अपने नेता से मिलने के लिए भैंस पर सवार होकर लालू की पत्नी राबड़ी देवी के आवास पहुंचे.
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लालू प्रसाद के ये तीनों प्रशंसक अपने और भैंस के शरीर पर हरे रंग के ऊपर सफेद रंग में सीबीआई (CBI) की निंदा करने वाले नारे लिख रखे थे. दर्शक उस समय हंसने पर और मजबूर हो गए जब एक भैंस पर सवार लालू के एक प्रशंसक ने कहा कि उसका नाम नटवर लाल है. प्रशंसकों ने लालू यादव को शिव बताया और कहा कि उनके घर शिव की बारात आई है.
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लालू यादव के प्रशसंक गोपालगंज से सटे सीवान जिले से आए थे. यह लालू यादव का पैतृक जिला है. नटवरलाल नाम का यह शख्स अपने दो साथियों के साथ आया था. मिथिलेश पंडित नाम का एक शख्स भी अनोखे अंदाज में उसी के साथ पहुंचा था. मिथिलेश ने ही भैंस की डोरी थाम रखी थी. लालू के समर्थक करीब 45 किलोमीटर दूर वैशाली जिले के महुआ इलाके से पहुंचे थे.
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तीनों प्रशंसकों की उम्र 50 साल के करीब थी लेकिन वे तेजस्वी यादव को अपना पिता मानते हैं. लालू यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी को दादा-दादी का दर्जा दिया है. लालू यादव के ये प्रशंसक अपने हाथ में लालटेन और पार्टी का झंडा थाम रखा था.
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प्रशंसक होश में आओ सीबीआई के नारे भी लगा रहे थे. उन्होंने दावा किया कि लालू जी रांची या दिल्ली में रहते हुए भी उनसे फोन पर बात करते रहते हैं, वह हमें देखना चाहते थे इसलिए हम यहां हैं.
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प्रशंसकों ने जोर देकर कहा कि उन्होंने अपने कपड़े उतार दिए हैं क्योंकि बच्चों के पास माता-पिता से छिपाने के लिए कुछ नहीं है. भैंस हमारे नेता की सवारी का प्रतीक है. उन्होंने मवेशियों को पालना शुरू किया और शीर्ष पर पहुंच गए.
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लालू यादव के तीनों प्रशंसक का कहना था कि उनके साहेब (लालू) शिव भक्त हैं, यहां उनकी उपस्थिति एक शिव जी की बारात की तरह है. लालू यादव के प्रशसंकों को सुरक्षाकर्मियों ने मेन गेट से भगा दिया था क्योंकि उनकी वजह से दूसरे लोगों को परेशानी हो रही थी. (भाषा इनपुट के साथ)