डीएनए हिंदी: यूनाइटेड किंगडम (UK) से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यॉर्कशायर की रहने वाली एक महिला का 2 साल से त्वचा कैंसर का इलाज चल रहा था. इस दौरान उसकी सर्जरी भी की गई. महिला लगातार अपना इलाज कर रहा थी. इस दौरान उसने किसी दूसरे अस्पताल में अपना टेस्ट करवा लिया. रिपोर्ट्स सामने आईं तो महिला के होश उड़ गए. दरअसल, महिला को त्वचा कैंसर था ही नहीं. उसे कैंसर होने की गलत जानकारी दी गई थी. इसके बाद अस्पताल को महिला को भारी जुर्माना देना पड़ा.
डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में ईस्ट यॉर्कशायर की 33 साल मेगन रॉयल (Megan Royle) को त्वचा कैंसर होने का पता चला था. वह इसका इलाज कराती रही. इस दौरान महिला की सर्जरी भी की गई. 2021 में महिला को टेस्ट के दौरान पता चला कि जिस बीमारी का वह इलाज कर रही है वास्तव में उसे वह थी ही नहीं.
इसके बाद महिला ने उस अस्पताल के खिलाफ केस कर दिया. करीब 2 साल से चल रहे इस केस में कोर्ट ने अब अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया और महिला को भारी मुआवजा देने का आदेश सुनाया है. बेवर्ली की मेगन रॉयल ने समाचार आउटलेट को बताया, 'आप वास्तव में विश्वास नहीं कर सकते कि ऐसा कुछ हो सकता है और आज तक मेरे पास कोई स्पष्टीकरण नहीं है कि यह कैसे और क्यों हुआ.
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मेगन रॉयल का कहना कि मैंने दो साल तक यह विश्वास कर लिया कि मुझे कैंसर है. उसके लिए मैंने सभी उपचार कराए और फिर एक दिन मुझे बताया गया कि कैंसर था ही नहीं. लंदन में रहने वाली एक थिएटर मेकअप आर्टिस्ट रॉयल ने कहा कि इसे समझने में थोड़ा समय लगा. लेकिन जब मुझे पता चला तो बड़ी हताशा और क्रोध थी. रॉयल ने कहा कि उसने दो लंदन एनएचएस ट्रस्टों से अदालत के बाहर समझौता जीत लिया है.
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कैंसर बताकर 2 साल तक महिला का करते रहे इलाज, रिपोर्ट्स आईं तो उड़ गए होश