बिहार (Bihar) के जहानाबाद (Jehanabad) जिले से एक ऐसी अनोखी प्रेम कहानी सामने आई है, जो यह साबित करती है कि सच्चा प्यार वक्त और हालातों से परे होता है. यह कहानी विजय साव और चंचला कुमारी की है, जो बचपन में एक-दूसरे के प्यार में थे. लेकिन परिस्थितियों ने उन्हें अलग कर दिया. वर्षों बाद, किस्मत ने ऐसा मोड़ लिया कि दोनों के रास्ते फिर से एक हो गए.
फिर से पुनर्मिलन
बचपन में ही दक्षिणी दौलतपुर के विजय और चंचला की प्रेम कहानी शुरू हुई थी. लेकिन पारिवारिक दबाव और सामाजिक बंधनों के चलते दोनों ने अलग होने का फैसला किया और अपनी-अपनी जिंदगी में आगे बढ़ गए. विजय और चंचला दोनों ने अलग-अलग शादियां कर लीं और अपने-अपने परिवार के साथ सुखद जीवन जीने लगे.
तकदीर ने दिया दूसरा मौका
लेकिन जीवन की अनिश्चितताएं कभी-कभी चौंका देती हैं. कुछ समय बाद, विजय की पत्नी का निधन हो गया और चंचला ने अपने पति को सड़क दुर्घटना में खो दिया. दोनों अकेले हो गए, लेकिन तकदीर ने उन्हें फिर से एक-दूसरे के करीब ला दिया. सोशल मीडिया और पारिवारिक बातचीत के जरिए दोनों ने एक बार फिर से संपर्क किया.
गौरक्षणी मंदिर में रचाई शादी
एक-दूसरे से बातचीत के दौरान उन्होंने महसूस किया कि उनका प्रेम अब भी बरकरार है. इसके बाद, गुरुवार को जहानाबाद के गौरक्षणी मंदिर में विजय और चंचला ने विवाह के बंधन में बंधने का फैसला किया. इस अनोखी शादी में उनके बच्चे भी शामिल हुए. बता दें कि विजय और चंचला दोनों के पहले से दो-दो बच्चे हैं.
प्यार की ताकत और तकदीर का खेल
यह कहानी दिखाती है कि सच्चा प्यार उम्र, समय और परिस्थितियों से बड़ा होता है. समाज में जहां दूसरी शादी को लेकर अक्सर लोग सवाल उठाते हैं. विजय और चंचला की कहानी एक मिसाल है कि प्यार और साथ की जरूरत जीवन के हर पड़ाव पर होती है. बहरहाल, इस दिलचस्प प्रेम कहानी ने न केवल जहानाबाद बल्कि पूरे देश का ध्यान खींचा है.
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Bihar News: 'बचपन का प्यार, विधवा का साथ और मंदिर में शादी', फिल्मी कहानी से कम नहीं है बिहार के जहानाबाद की ये प्रेम कथा