Viral Post: इन दिनों सोशल मीडिया पर कंपनी के टॉक्सिक वर्क कल्चर पर चर्चा जोरों पर है. खासकर स्टार्टअप कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों द्वारा. हाल ही में एक कर्मचारी ने रेडिट पर अपनी परेशानियों को साझा किया जो एक स्टार्टअप कंपनी में काम कर रहा था. कंपनी में 3 फाउंडर्स थे. कर्मचारी ने बताया कि उसने फ्रंट एंड रोल के तहत एक फ्रेशर के तौर पर रिमोट काम करना शुरू किया था, लेकिन उसे कंपनी के वर्क कल्चर से काफी निराशा हुई.
कर्मचारी ने लगाया आरोप
कर्मचारी ने लिखा कि कंपनी में काम करते हुए 2 महीने हो गए थे. इस दौरान उसे दिन-रात काम करना पड़ा था. उसने बताया कि कंपनी के तीन फाउंडर्स में से एक बैकएंड सपोर्ट संभालता था, जबकि उसे किसी भी प्रकार की ठीक से ट्रेनिंग नहीं मिली. पोस्ट में आगे लिखा गया कि कंपनी के लीड से न तो कोई साफ दिशा-निर्देश मिले और न ही अच्छे बर्ताव की उम्मीद थी. कर्मचारी ने आरोप लगाया कि उसे गालियां दी गईं और काम के दौरान बदतमीजी की गई.
वह यह भी बताता है कि जब भी कोई समस्या आती, वह उसे खुद सुलझाने की कोशिश करता था, लेकिन फिर भी जब वह न सुलझा पाता तो कंपनी की उम्मीदें उस पर बढ़ जाती थीं कर्मचारी ने यह भी बताया कि वह और उसके साथी कर्मचारी फाउंडर्स से सराहना की उम्मीद छोड़ चुके थे, केवल यह उम्मीद रखते थे कि उन्हें और अधिक अपमान न झेलना पड़े. अधिकांश समय, उन्हें 12 से 15 घंटे काम करना पड़ता था.
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करना पड़ता है अपमान का सामना
उसने यह भी लिखा कि एक दिन उसे इतनी ज्यादा अपमानजनक बातें सुनने को मिलीं कि वह गूगल मीट में रोने लगा और फिर मीटिंग से कुछ समय के लिए छुट्टी ले ली. कर्मचारी का कहना था कि इतने कठिन परिश्रम के बावजूद अपमान का सामना करना बहुत बुरा लगता है. उसने सलाह के तौर पर रेडिट पर पूछा कि वह इस स्थिति का सामना कैसे कर सकता है. रेडिट यूजर्स ने भी इस पोस्ट पर अपनी राय दी. एक यूजर ने कहा कि इस स्थिति में वही रवैया अपनाना चाहिए जैसा कंपनी के लोग दिखा रहे हैं. वहीं दूसरे यूजर ने कहा कि वह भी ऐसे माहौल से गुजर चुका है, लेकिन उम्मीद नहीं खोनी चाहिए.
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गूगल मीट की मीटिंग में छलका कर्मचारी का दर्द, बोला- 15 घंटे काम के बावजूद गालियां सुनने को मिलता है!