डीएनए हिंदी: प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के नाम से फर्जी वेबसाइट चलाई गई और व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर उनके भक्तों से लाखों की धोखाधड़ी की गई है. जानकारी के मुताबिक पं. प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) द्वारा लिखित किताबें व रूद्राक्ष मंगवाने के नाम पर दो बदमाशों ने उनके भक्तों से 500-500 रूपये मंगवा लिए थे और पेमेंट के लिए उन धोखेबाजों ने क्यू आर कोड का इस्तेमाल किया था. ऐसे में अब जानकारी के मुताबिक सीहोर पुलिस ने राजस्थान से दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
मध्य प्रदेश के सीहोर के मंडी पुलिस थाने में आरोपी विकास विश्नोई के खिलाफ भादंवि की धारा 420 में प्रकरण दर्ज किया गया था, इसके बाद आरोपी विकास विश्नोई पिता भगराज विश्नोई, निवासी राजीवनगरपुर, जिला जालौर, राजस्थान एवं मदनलाल निवासी ग्राम बौडा जिला जालौर, राजस्थान को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा रही है.
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बता दें कि कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 19 जनवरी तक के लिए पुलिस रिमांड पर सौंप दिया. अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों के खिलाफ धारा 419, 468, 469, 471 भादंवि एवं धारा 66-सी, 66-डी आई.टी. एक्ट भी जोड़ी गई. जानकारी के मुताबिक श्री विट्ठलेश सेवा समिति के सदस्य समीर शुक्ला ने पुलिस थाना मंडी में पांच जनवरी को शिकायत की थी कि आरोपी विकास विश्नोई निवासी राजीवनगरपुर, जिला-जालौर राजस्थान ने पंडित प्रदीप मिश्रा की फोटो व आस्था लाइव का लोगो लगाकर वेबसाइट एवं व्हाट्सएप ग्रुप बनाए.
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इस वेबसाइट में ही समिति के क्यूआर कोड के स्थान पर अपना क्यूआर कोड लगाया. उसके माध्यम से द्वारा लिखित किताब व रुद्राक्ष मंगाने के लिए 500-500 रुपये वसूल रहा था लेकिन जब यह पैसा समिति के पास नहीं पहुंचा तो फिर जांच की गई तो इस स्कैम का खुलासा हुआ और पुलिस ने दो धोखेबाजों को गिरफ्तार कर लिया है.
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पंडित प्रदीप मिश्रा के नाम पर हुई लाखों की धोखाधाड़ी, QR Code के जरिए भक्तों को लगाया चूना