डीएनए हिंदी: अमेरिका में दिल के एक मरीज का हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया था. हैरानी की बात यह है कि इस इंसान को सूअर का दिल लगाया गया था. यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड मेडिसिन सेंटर ने कहा है कि इस मरीज को सूअर का दिल लगाया गया था. अमेरिका का कहना है था वह पहले भी एक बार ऐसा कर चुका है और ऐसा करने वाला वह पहला देश है. 2 महीने बाद अचानक ही इस मरीज की मौत हो गई है. अब डॉक्टरों ने बताया है कि सूअर का दिल लगाने के बाद से इस मरीज को लगातार निगरानी में रखा गया था.
57 साल के डेविड बेनेट को दिल की बीमारी थी तो मैरीलेंड के डॉक्टरों ने मरीज को सूअर का दिल लगाया. कुछ दिन तो वह ठीक रहे लेकिन पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत लगातार बिगड़ने लगी थी. अचानक बुधवार को उनकी मौत हो गई. डेविड बेनेट के बेटे ने डॉक्टरों की तारीफ की है कि उन्होंने डेविड को बचाने के लिए आखिर तक पूरी कोशिश की. उनका यह भी कहना है कि इस प्रयोग से आने वाले भविष्य में कई नए रास्ते भी खुलेंगे.
यह भी पढ़ें- हरियाणा के बार, रेस्तरां और होटल में नहीं मिलेगा हुक्का, खट्टर सरकार ने लगा दिया बैन
भारत के डॉक्टर को जाना पड़ा था जेल
असम के रडॉक्टर धनरीराम गुवाहाटी में रहते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, साल 1997 में डॉ. बरुआ ने 32 साल के पूर्णो सेकिया का हार्ट ट्रांसप्लांट किया था और उनको सूअर का हृदय लगाया था. हालांकि, पूर्णों को बाद में कई सारे संक्रमण हो गए थे और उनकी मौत हो गई. इसके बावजूद वह सात दिन तक सूअर के हृदय के साथ जिंदा थे. तब डॉ. बरुआ के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हुई और उन्हें जेल भी जाना पड़ा था.
यह भी पढ़ें- बीजेपी की कैंडिडेट लिस्ट पर बोली कांग्रेस, 'रावण ने भी कुंभकर्ण, अहिरावण को उतारा था'
मरीज की मौत हो जाने के वजह से डॉक्टर बरुआ के खिलाफ लोगों ने नाराजगी जताई थी. उनके खिलाफ लापरवाही और चिकित्सा नैतिकता के उल्लंघन के आरोपों में कार्रवाई की गई और उनको जेल भेज दिया गया. इसी केस में वह 40 दिनों तक जेल में ही रहे. दरअसल, उन्हें कानून का उल्लंघन करने का दोषी माना गया था क्योंकि उन्होंने इस काम के लिए अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया था.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
हार्ट की बीमारी से जूझ रहे इंसान को लगा दिया था सूअर का दिल, जानिए अब कैसा है मरीज