महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) के आयोजन की चर्चा सिर्फ भारत में नहीं हो रही है, बल्कि पूरी दुनिया में हो रही है. अमेरिका, ब्राजील से लेकर यूरोपीय देशों से लोग दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन को देखने के लिए पहुंच रहे हैं. रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 3 साल से जंग जारी है और अब तक संघर्ष विराम की कोशिशें नाकाम रही हैं. अब जापान से 150 प्रतिनिधियों का एक दल महाकुंभ पहुंच रहा है. यहां यु्द्ध रोकने और पूरी दुनिया में अमन-शांति की बहाली के लिए महायज्ञ करेंगे.
150 सदस्यों का प्रतिनिधि दल करेगा महायज्ञ
जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर शैलेशानंद गिरि महाराज ने जापान से प्रतिनिधि दल के आने की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि योग माता कैलादेवी (पूर्व नाम कैको आइकावा) के करीब 150 जापानी लोगों का प्रतिनिधिमंडल महाकुंभ में स्नान के लिए पहुंच रहा है. ये सभी सदस्य माता जी के सानिध्य में योग साधना करेंगे. उन्होंने कहा, '26 जनवरी को पायलट बाबा शिविर में प्रतिनिधि दल पहुंचेगा. यहां इनके ठहरने और भोजन की व्यवस्था भी अखाड़े की ओर से हो रही है. उनके लिए शुद्ध वैष्णव खाना बनाया जाएगा.’
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कौन हैं योग माता कैलादेवी
योग माता कैकादेवी जापान में योग साधना शिविर चलाती हैं.जूना अखाड़ा के महा 70 के दशक में उन्होंने भारत की कई बार यात्रा की थी. इसी दौरान वह योग समाधि देख काफी प्रभावित हुई थीं. यहां उन्होंने हरि बाबा से दीक्षा और समाधि ली और उन्हें कैलादेवी नाम जूना अखाड़ा की ओर से दिया गया. जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर शैलेशानंद गिरि महाराज ने बताया कि माताजी के निर्देशन में विश्व शांति और रूस-यूक्रेन में युद्ध समाप्ति के लिए महायज्ञ भी करेंगे. इसके लिए शिवशक्ति यज्ञशाला का प्रबंध किया जा रहा है. इसमें 25 से 30 देशों के लोग महायज्ञ में विश्व शांति की कामना करते हुए आहुति देंगे.
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