डीएनए हिंदी: केरल में एक विवादास्पद हाथी एक बार फिर खबरों में है, एक स्थानीय मंदिर ने उसके वार्षिक उत्सव में भाग लेने के लिए रिकॉर्ड राशि की बोली लगाई थी. 57 साल के इस जानवर के लिए लोगों के मन में प्रशंसा, डर और करुणा सबकुच हैं. इस हाथी का नाम थेचिकोट्टुकावु रामचंद्रन (Thechikottukavu Ramachandran) है. इसे भारत में सबसे लंबा बंदी हाथी कहा जाता है. यह हाथी 10.53 फीट (3.2 मीटर) लंबा एक राजसी ठाठ वाला है जो कि अन्य हाथियों से कहीं ज्यादा आकर्षक दिखता है.
त्रिशूर जिले में थेचिक्कोट्टुकावु मंदिर ट्रस्ट के स्वामित्व में सैंकड़ों ऐसे हाथी हैं जिन्हें मंदिर के उत्सवों में पट्टे दिए जाते हैं और रामचंद्रन भी उनमें से ही एक हैं. फेसबुक पर हाथी के फॉलोअर्स की संख्या काफी ज्यादा है. यह हाथी हिंसा के प्रदर्शन के लिए भी कुख्यात है.
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आलोचकों का आरोप है कि उसने पिछले चार दशकों में कम से कम 13 लोगों और दो हाथियों को मार डाला है. हालांकि थेचिकोट्टुकावु मंदिर के अधिकारियों का कहना है कि रामचंद्रन इन मौतों का प्रत्यक्ष कारण नहीं थे जो ज्यादातर भगदड़ के कारण हुईं. कार्यक्रमों में तेज शोर और अन्य उकसावों के कारण उत्तेजित होने के बाद भड़क उठीं.
रामचंद्रन अपनी बाईं आंख से अंधा हाथी हैं और पशु अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्हें सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए. पीपल फॉर एनिमल्स संगठन की श्रीदेवी एस. कार्था कहती हैं कि वह हाथियों में सबसे लंबा और सबसे सुंदर है. उसे करीब से देखना अचंभित करने वाला है. लेकिन उसका भव्य रूप भी एक अभिशाप बन गया है.
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पिछले हफ्ते 35 मंदिर समितियों ने अपने त्योहारों में उनकी उपस्थिति के लिए बोली लगाने के लिए एक नीलामी में भाग लिया था और त्रिशूर में श्री विश्वनाथ मंदिर ने 675,000 रुपये की रिकॉर्ड बोली लगाई थी. थेचिक्कोट्टुकावू ट्रस्ट के अध्यक्ष बिनॉय पीबी ने बताया है कि जब रामचंद्रन मौजूद होते हैं तो अधिक लोग मंदिरों में आते हैं इसीलिए उनके लिए इतनी मांग है.
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2019 में मंदिर के अधिकारियों को तब परेशानी हुई, जब त्रिशूर में प्रसिद्ध गुरुवायुर मंदिर के पास एक भीड़भाड़ वाले इलाके में रामचंद्रन के पास पटाखे फोड़ने के बाद मची भगदड़ में दो लोगों की मौत हो गई. जिला प्रशासन ने तब उन्हें प्रसिद्ध त्रिशूर पूरम मंदिर उत्सव में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया.
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