डीएनए हिंदीः अंटार्कटिका (Antarctica) के उत्तर-पश्चिम में स्थित एक विशाल हिमखंड चास्म-1 (Chasm-1) टूटकर अलग हो गया है. इसका आकार नई दिल्ली से भी ज्यादा बताया जा रहा है. पहले कहा जा रहा था कि यह ग्लोबल वार्मिंग के कारण टूटकर अलग हुआ है. हालांकि ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे (BAS) ने बताया कि यह आइसबर्ग अपनी प्राकृतिक प्रक्रिया यानी काल्विंग (Calving) की वजह से टूटा है.  

दिल्ली से भी बड़ा है आइसबर्ग
यह आइसबर्ग काफी बड़ा है. इसका आकार 1550 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल का है. जो नई दिल्ली के 1483 वर्ग किमी क्षेत्र से अधिक है. यह जब अलग हुआ तब इसके मुख्य अंटार्कटिका के बीच 150 मीटर मोटी दरार पड़ी थी. यह दरारें समय के साथ लगातार बढ़ती जा रही थीं. ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वेबीएएस के ग्लेशियोलॉजिस्ट डॉमिनिक हॉडसन ने बताया कि काल्विंग एक नेचुरल प्रोसेस है. यह ब्रन्ट आइस सेल्फ का प्राकृतिक व्यवहार है. इसका जलवायु परिवर्तन या ग्लोबल वॉर्मिंग से कोई लेना-देना नहीं है.

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बाल-बाल बचा रिसर्च सेंटर
जहां से यह टुकड़ा अलग हुआ है, वहां पर ब्रिटेन का रिसर्च स्टेशन हैली-6 (Halley-VI) मौजूद है. इसी स्टेशन पर मौजूद वैज्ञानिक आसपास के इलाकों और अंटार्कटिका की स्थिति पर स्टडी करते हैं. हैली-6 एक मोबाइल रिसर्च स्टेशन है, जिसे साल 2016-17 में आई दरारों के बाद अंटार्कटिका के अंदर की ओर ट्रांसफर कर दिया गया था. तब से लेकर अब तक इस स्टेशन पर वैज्ञानिक सिर्फ नवंबर से मार्च के महीने में तैनात होते हैं.  

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huge iceberg broken from antarctica narrow escape Research Center
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अंटार्कटिका में टूटा दिल्ली से भी बड़ा बर्फ का 'पहाड़'
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अंटार्कटिक में हिमखंड का बड़ा टुकड़ा टूटकर अलग हो गया है.
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अंटार्कटिका में टूटा दिल्ली से भी बड़ा बर्फ का 'पहाड़', रिसर्च सेंटर में बैठे वैज्ञानिक बाल-बाल बचे