डीएनए हिंदी: इजरायल पर हमास के आंतकी हमले के बाद ज्यादातर भारतीय खुले तौर पर इजरायल के साथ हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक्स पर आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा है कि संकट की इस घड़ी में हमारी संवेदनाएं इजरायल के साथ हैं. ऐसे वक्त में सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा कि भारतीय मुसलमानों को हमास का साथ देना चाहिए. ऐसा कहने वाले को जम्मूक-कश्मीर के चर्चित आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने करारा जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि भारत ने कभी भी मिडिल ईस्ट में हिंसा को बढ़ावा देने वाले कारकों का समर्थन नहीं किया है. उन्होंने यह भी कहा कि हमास के आतंकी हमले की वजह से इजरायल के बेकसूर नागरिकों की जान गई है.
हमास का समर्थन करने वाले यूजर को लताड़ लगाते हुए शाह फैसल ने ट्वीट किया, 'भारतीय मुसलमानों ने कभी भी मिडिल ईस्ट में हिंसा को बढ़ावा देने वालों का समर्थन नहीं किया है. हमास के हमले में जिन निर्दोष इजरायलियों की मौत हुई है उसके भयावह दृश्य हर किसी का दिल दहलाने वाले हैं. आतंकवाद ने कभी किसी की मदद नहीं की है और यह फिलिस्तीन के लोगों की भी मदद नहीं करने वाला है.' बता दें कि शाह फैसल सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं.
Indian muslims have never supported the escalation of violence in Middle East.
— Shah Faesal (@shahfaesal) October 7, 2023
The horrifying visuals of innocent Israelis #Israel killed by Hamas today break everyone's heart. Terrorism has not ever helped anyone and it won't help Palestinians also.
Humanity above religion. https://t.co/sYSnhXy9Gp
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यूजर ने इजरायल समर्थकों को बताया था अन्यायी
दरअसल यूजर ने एक ट्वीट करते हुए लिखा था कि भारतीय मुसलमान बिना शर्त फिलिस्तीनी लड़ाकों के साथ खड़े हैं. सोशल मीडिया पर इस यूजर का कहना है कि हमास के लड़ाके बहादुरी से इजरायली राक्षसों से लड़ रहे हैं और अपनी मातृभूमि की रक्षा कर रहे हैं! इतना ही नहीं इस यूजर का यह भी कहना है जो कोई भी इजराइल के साथ खड़ा है वह आतंकवाद का समर्थक है और अपनी ही भूमि पर अवैध कब्जे को आमंत्रित कर रहा है. इस यूजर को जवाब देते हुए आईएस ने लताड़ लगाई.
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जम्मू-कश्मीर के चर्चित आईएएस अधिकारी रहे हैं शाह फैसल
शाह फैसल ने सिविल सेवा परीक्षा में टॉप किया था. 2010 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और वह जम्मू-कश्मीर से पहले प्रतिभागी थे जिसने यूपीएसएसी की परीक्षा में सर्वोच्च स्थान हासिल किया था. साल 2019 में उन्होंने अपनी राजनीतिक पार्टी भी बनाई थी लेकिन फिर वापस नौकरी ज्वाईन कर ली. सोशल मीडिया पर वह काफी एक्टिव रहते हैं और कश्मीर समेत दूसरे मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखते हैं. जी-20 समिट आयोजन की तारीफ करते हुए भी उन्होंने ट्वीट किया था.
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'भारतीय मुसलमान हमास के साथ' कहने वाले को मुस्लिम IAS ने दिया करारा जवाब