डीएनए हिंदी: आजादी का अमृत महोत्सव के जश्न के दौरान हम भारतीयों ने बहुत से रिकार्ड बनाए है तो वहीं हमारे देश में एक ऐसी जगह थी जहां आजादी के बाद से आज तक तिरंगा नहीं फहराया गया था लेकिन 15 अगस्त को यह सूखा खत्म हुआ और इस धरती पर भी तिरंगा शान से हवा में लहराता नजर आया. यह जगह है बेंगलुरू का ईदगाह मैदान जहां आजतक झंडा नहीं फहराया गया था. विवादित मैदान पर रैपिड एक्शन फोर्स(RAF), सिटी आर्म्ड रिजर्व(CAR), और कर्नाटक राज्य रिजर्व पुलिस(KSRP) की कड़ी सुरक्षा के बीच कार्यक्रम पूरा हुआ. दरअसल कई संगठन यह घोषणा कर रहे थे कि इस बार ईदगाह मैदान पर तिरंगा फहराया जाएगा. किसी प्रोग्राम की वजह से विवाद न हो इसलिए राज्य सरकार ने आगे बढ़ते हुए स्वतंत्रता दिवस का कार्यक्रम करने का फैसला लिया. साथ ही जानकारी दी कि राजस्व विभाग से असिस्टेंट कमिश्नर रैंक का एक अधिकारी झंडा फहराएगा.
इसके बाद रविवार 14 अगस्त को मैदान का जायजा लेने पहुंचे राजस्व मंत्री आर अशोक ने कहा की 75 साल से यहां तिरंगा नहीं फहराया गया है और राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि इस बार यहां तिरंगा फहराया जाएगा. एम जी शिवन्ना ने तिरंगा फहराया. इसके बाद राष्ट्रगान हुआ और भारत माता की जय के नारे लगे. झंडा रोहण के बाद चामराजपेट सरकारी स्कूल के छात्रों ने कार्यक्रम प्रस्तुत किए.
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मैदान का विवाद इस साल की शुरुआत में भी सामने आया था. एक हिंदू संगठन ने यहां कार्यक्रम के लिए बृहद बेंगलुर महानगर पालिका (BBMP) से अनुमति मांगी. इसके बाद इन दस्तावेजों में कुछ हैरान कर देने वाले खुलासे हुए कर्नाटक स्टेट बोर्ड ऑफ औकाफ ने भूमि को वक्फ संपत्ति के रूप में दिखाया. जबकि 1974 के सिटी सर्वे रिकॉर्ड और उसके बाद के अन्य सभी नागरिक रिकॉर्ड ने जमीन को एक खेल का मैदान दिखाया. बेंगलुरू महानगर पालिका ने सभी दावों और कागजातों से अलग इस जमीन को राजस्व विभाग की संपत्ति बताया.
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भारत के इस मैदान में पहली बार फहराया गया तिरंगा, 75 साल से नहीं मना था जश्न