डीएनए हिंदी: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. इस बार कथित तौर पर 'जातिवादी' कंटेंट को क्लास 6 के इतिहास के सेलेबस में शामिल करने के लिए सीबीएसई चर्चा में है. वर्ण व्यवस्था से संबंधित चैप्टर का एक पेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वायरल हो रही तस्वीर के मुताबिक, चैप्टर में बताया गया है कि ब्राह्मण पुजारी और शिक्षक थे, क्षत्रिय योद्धा थे, वैश्य व्यापारी, शिल्पकार और जमींदार थे और शूद्र मजदूर के रूप में काम करते थे और अन्य तीन वर्णों की सेवा करते थे.
इस मालमे पर अब सीबीएसई ने अपनी सफाई जाहिर की है.
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The class 6 History textbook containing topics on Varnas has been wrongly attributed as published by CBSE. This is factually incorrect .
— CBSE HQ (@cbseindia29) September 27, 2022
It is clarified that CBSE does not publish History textbooks, thus the matter does not relate to CBSE.
Team CBSE
आधिकारिक बयान में सीबीएसई ने लिखा, "कक्षा 6 की इतिहास की पाठ्यपुस्तक में जो विषय शामिल किया है, यह तथ्यात्मक रूप से गलत है. यह स्पष्ट किया जाता है कि सीबीएसई इतिहास की पाठ्यपुस्तकों को प्रकाशित नहीं करता है, इस प्रकार मामला सीबीएसई से संबंधित नहीं है."
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सीबीएसई ने कहा कि चैप्टर लेकर को बोर्ड को गलत तरीके से जिम्मेदार ठहराया गया है. अपनी सफाई में सीबीएसई ने कहा कि पाठकों को ध्यान देना चाहिए कि सीबीएसई, शिक्षा बोर्ड के रूप में देश भर के स्कूलों के लिए कोई पाठ्यपुस्तक प्रकाशित नहीं करता है.
बता दें सीबीएसई एक पब्लिशर नहीं है. एक बोर्ड के रूप में वे परीक्षा दिशानिर्देशों, संबद्धता दिशानिर्देशों आदि की प्राथमिक जिम्मेदारी रखते हैं. वायरल सिलेबस की तस्वीर के अनुसार, किताब को किसी प्राइवेट पब्लिशर XSEED एजुकेशन द्वारा प्रकाशित किया गया है.
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CBSE ने किताब में 'जातिवादी कंटेंट' पर दी सफाई, वायरल हो रहा है क्लास-6 का सिलेबस