डीएनए हिंदी: बिहार में शिक्षा व्यवस्था किस हद तक बदहाल है इसका उदाहरण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के गृह जिले नालंदा से सामने आया है. यहां बिहार बोर्ड की 12वीं की परीक्षा देने गईं छात्राओं को एग्जाम सेंटर पहुंचने के बाद एग्जाम हॉल तक जाने में संघर्ष करना पड़ा क्योंकि जिस स्कूल में सेंटर गया था, उसका गेट खुल ही नहीं रहा था. लड़कियों को एग्जाम हॉल में जाने के लिए स्कूल ेक उस नुकेले गेट को फांदना पड़ा.
बदहाल शिक्षा व्यवस्था के लिए कोसे जाने वाला बिहार में छात्राओं को शिक्षा का उच्च लाभ मिलने की आवश्यकता है लेकिन स्थिति यह है कि ये बच्चियां आसानी से परीक्षा के लिए एग्जाम सेंटर तक नहीं पहुंच पा रही हैं. यहां नालंदा जिले के बिहारशरीफ के केएसटी कॉलेज में छात्राएं एग्जाम सेंटर के पास पहुंचीं तो उनके सामने मुश्किल यह थी कि कॉलेज का गेट ही बंद था था.
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जानकारी के मुताबिक कॉलेज का गेट न खुलने के चलते लड़कियों का पेपर भी छूट सकता था.खराब व्यवस्था के चलते छात्राओं को नुकीली रॉड वाले गेट को फांदकर कॉलेज के अंदर जाना पड़ा. जानकारी के मुताबिक यह सेंटर केवल छात्राओं के लिए बनाया गया था.
नियम की बात करें तो बिहार बोर्ड ने किसी भी तरह सी गड़बड़ी से बचने के लिए इस बार कड़े कदम उठाने का दावा किया है. इसके तहत एग्जाम शुरू करने से 10 पहले गेट बंद कर दिए जाते हैं और प्रवेश रोक दिया जाता है लेकिन यहां छात्राओं के लिए यह समय ही मुश्किलों की वजह बन गया. छात्राओं के प्रवेश के लिए गेट खुल ही नहीं सका और ऐसे में छात्राओं को अपनी जान जोखिम में डालकर एग्जाम सेंटर में जाना पड़ा,अन्यथा उनका पेपर ही छूट सकता था.
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बिहार में बोर्ड परीक्षा देने के लिए गेट फांदकर पहुंचीं लड़कियां, हैरान कर देगी असली वजह