जब बाली ने छह महीने तक कांख में दबाए रखा था रावण को, जानिए रामायण की अनसुनी कहानियां
Untold story of Ramayana: पंडित अर्जुन शास्त्री बताते हैं कि छह महीने बाद आराधना पूरी होने पर जब बालि ने अपनी बाहें फैलाईं तो रावण मुक्त हो सका और चुपके से भाग निकला. शास्त्री जी ने यह भी जोड़ा कि रावण बड़ा राजनीतिज्ञ था. उसने फिर कभी बालि से युद्ध करने की बात नहीं सोची, बल्कि उससे दोस्ती कर ली.
जब सीता को डोली में बैठाकर राम से मिलाने लाया था रावण, जानिए रामायण की अनसुनी कहानियां - धर्मयुग में
Untold story of Ramayana: पुजारी बनना स्वीकार करने वाला रावण जानता था कि भारतीय परंपरा में शिव स्थापना जैसे अनुष्ठान में पति-पत्नी का साथ बैठना अनिवार्य होता है. इसलिए उसने माता सीता को सारी जानकारी दी और अनुचरों संग माता सीता को लेकर समुद्रतट पर पहुंचा, जहां प्रभु राम शिव-स्थापना करने वाले थे.
Untold story of Ramayana : श्रीराम की शिवपूजा में आचार्य बना था रावण
Shiva worship of Ram: प्रभु श्रीराम ने जामवंत को ही रावण के पास भेजा कि आप जाकर बात करें और इस काम को सिद्ध करें. तब जामवंत ने रावण के पास पहुंचकर बातचीत की और निवेदन किया, तो रावण ने ब्राह्मण और आचार्य होने के नाते पुरोहित कर्म स्वीकार कर लिया.