Jallianwala Bagh Massacre: 103 साल बाद भी नहीं भरे ज़ख्म, ऐसी थी क्रूरता की ये कहानी
जलियांवाला बाग हत्याकांड आज भी इतिहास की सबसे नृशंस वारदातों में से माना जाता है. अंग्रेजी हुकूमत के लिए यह हत्याकांड ताबूत में कील की तरह था.
इन्होंने कविता में पिरोई Manikarnika की वीरता, बनीं भारत की पहली महिला सत्याग्रही
74 साल पहले सन् 1948 में 15 फरवरी के दिन सुभद्रा कुमार चौहान ने अंतिम सांसे ली थीं. एक दुर्घटना में उनका निधन हो गया था.