Memory Lane : महंगे नीबूओं के दौर में बगीचे की याद

बाबा जब भी कलकत्ता से छुट्टी पर घर आते तो उनके झोले में टॉफी, नातियों के लिए किताब के अलावे जो अन्य जरूरी सामान होता था वह कोई न कोई पौधा होता था.