एक 'गुठली' ने खोल दी बच्चे के झूठ की पोल, Leo Tolstoy की रोचक कहानी

DNA Lit Daily Story: बच्चे मासूम होते हैं. वह डर की वजह से हो सकता है कि झूठ बोल दें लेकिन अगले ही पल उनकी मासूमियत की वजह से उनका झूठ सबके सामने आ जाता है. लियो टॉल्स्टॉय की लघुकथा गुठली ऐसे ही एक प्यारे बच्चे की कहानी है.

पढ़ना दोनों में से किसी को आता नहीं, पर कर रहे थे 'तकरार', जानें माजरा

Russian Writer Leo Tolstoy: टॉल्स्टॉय की छोटी कृतियों में 'द डेथ ऑफ इवान इलिच' (1886) को उपन्यास के सर्वोत्तम उदाहरण के तौर पर पेश किया जाता है. अपने अंतिम तीन दशक टॉल्स्टॉय ने नैतिक एवं धार्मिक शिक्षक के रूप में गुजारा. महात्मा गांधी भी टॉल्स्टॉय के विचारों और सिद्धांतों से खूब प्रभावित रहे.

जो था ईश्वर की तरह निष्पाप और सुंदर, वही बन गया शैतान की तरह क्रूर

American storyteller O. Henry: अपने लेखन से जुड़ रहते हुए ओ हेनरी बहुत ज्यादा शराब पीने लगे थे. नतीजतन वे लीवर सिरोसिस, मधुमेह की जटिलताओं और बढ़े हुए दिल का शिकार हो चुके थे. आखिरकार इन सब की वजह से एक रोज ब्रेन हैमरेज हुआ और उनकी सांसें हमेशा के लिए थम गईं.

आज उस साहित्यकार का है जन्मदिन, जिसने दो बार पद्मश्री सम्मान लेने से किया था इनकार

Acharya Janakivallabh Shastri: 5 फरवरी 1916 में जानकीवल्लभ शास्त्री का जन्म हुआ था और 7 अप्रैल 2011 में देहावसान. उन्हें दो बार पद्मश्री सम्मान देने का प्रस्ताव रखा गया पर आचार्य ने सम्मान लेने से इनकार कर दिया. पहली बार 1994 में उन्हें पद्मश्री सम्मान देने का प्रस्ताव मिला और दूसरी बार 2010 में.

DNA Lit में पढ़ें रूसी कथाकार लियो टॉल्स्टॉय की 2 लघु कथाएं

टॉल्स्टॉय की 'वॉर एंड पीस' और 'अन्ना कैरेनिना' खूब चर्चित रहे हैं. 'वॉर एंड पीस' उपन्यास टॉल्स्टॉय ने विक्टर ह्यूगो के 'लेस मिजरेबल्स' पढ़ने के तुरंत बाद लिखा था. इसलिए यह ह्यूगो से काफी प्रभावित दिखता है. आज DNA Lit में टॉल्स्टॉय की 2 लघुकथाएं लेकर आए हैं, जिनमें टॉल्स्टॉय का विट साफ-साफ दिखेगा.

DNA Lit में पढ़ें अमेरिकी कहानी 'दूसरे देश में' की आखिरी किस्त

Ernest Hemingway Story dusare Desh Mein: डॉक्टर ने मुझे बताया कि मेजर की पत्नी, जो युवा थी और जिससे उसने तब तक शादी नहीं की थी जब तक वह निश्चित रूप से युद्ध के लिए असमर्थ नहीं ठहरा दिया गया था, निमोनिया से मरी थी. वह केवल कुछ दिनों तक ही बीमार रही थी.

DNA Lit में पढ़ें अमेरिकी कहानी 'दूसरे देश में' की चौथी किस्त

Ernest Hemingway Story dusare Desh Mein: ओ, वाकई, मेजर ने कहा. "तो फिर तुम व्याकरण के इस्तेमाल में हाथ क्यों नहीं लगाते?" अतः हमने व्याकरण के इस्तेमाल में हाथ डाला और जल्दी ही इतालवी इतनी कठिन भाषा हो गई कि मैं तब तक उससे बात करने से डरता था जब तक कि मेरे दिमाग में व्याकरण की तस्वीर साफ नहीं आ जाती.

DNA Lit में पढ़ें अमेरिकी कहानी 'दूसरे देश में' की तीसरी किस्त

Ernest Hemingway Story dusare Desh Mein: हम सभी के पास एक जैसे तमगे थे, उस लड़के को छोड़कर जो अपने चेहरे पर काला रेशमी रूमाल बांधता था और वह मोर्चे पर तमगे ले सकने जितनी देर नहीं रहा था. निस्तेज चेहरे वाला लंबा लड़का, जिसे वकील बनना था, आर्दिती का लेफ्टिनेंट रह चुका था.

DNA Lit में पढ़ें अमेरिकी कहानी 'दूसरे देश में' की दूसरी किस्त

Ernest Hemingway Story dusare Desh Mein: मेरी ही उम्र के तीन और लड़के थे जो रोज वहां आते थे. वे तीनों ही मिलान से थे और उनमें से एक को वकील बनना था, एक को चित्रकार बनना था और एक ने सैनिक बनने का इरादा किया था. जब हम मशीनों से छुट्टी पा लेते तो कभी-कभार हम कोवा कॉफी-हाउस तक साथ-साथ लौटते.

DNA Lit में पढ़ें अमेरिकी कहानी 'दूसरे देश में' की पहली किस्त

Ernest Hemingway Story Dusare Desh Mein: अस्पताल बहुत पुराना और बहुत ही सुंदर था और आप एक फाटक से घुसते और चल कर एक आंगन पार करते और दूसरे फाटक से दूसरी ओर बाहर निकल जाते. प्रायः आंगन से शव-यात्राएं शुरू हो रही होती थीं. पुराने अस्पताल के पार ईंट के बने नए मंडप थे और वहां हम हर दोपहर मिलते थे.