Book Review: शंभु बादल की कविताओं में मुखर है झारखंडी आवाज

Book Review: शंभु बादल की कविता 'गुजरा' उस स्वर का एक्स्टेंशन दिखती है जो 'कोल्हा मोची' में सुनाई पड़ता है. 'कोल्हा मोची' में कवि दिकुओं की पहचान करने को कहता है, लेकिन 'गुजरा' कविता में पहुंच कर कवि चाहता है कि हम खुद की पहचान करें, अपनी खूबियों की पहचान करें, अपने महत्त्व की पहचान करें.

Book Review: 'ज़ीरो माइल अयोध्या' विस्मृत हो गए तहज़ीब के बिखरे कांच को समेटती ये कहानी

Hindi Book Review Zero Mile Ayodhya: आज अयोध्या एक ऐसा नाम है, जिसे चाय की टपरी से लेकर सुदूर सिलिकॉन वैली में बैठे भारती कॉर्पोरेट प्रोफेशनल भी गाहे-बगाहे दोहरा रहे हैं. किताब जीरो माइल अयोध्या के अतीत से लेकर हाल तक के वृहद पन्नों को पलटती है.

Book Review: कविता संग्रह 'सूरज का आठवाँ घोड़ा' में हैं मानवीय सरोकारों से गुथीं कविताएं

Hindi Literature: कश्मकश वाली पीढ़ी के रचनाकार हैं डॉ. निवास चंद्र ठाकुर. इनकी कविताओं में आजादी के बाद हुए मोहभंग की पीड़ा दिखती है. नैतिक मूल्यों के जतन की कोशिश दिखती है. परंपरा और आधुनिकता के बीच संघर्ष दिखता है. तार्किक सवाल दिखते हैं और आदर्शवादी सुझाव भी.

Book Review: JNU का सफर कराती है जे सुशील की 'जेएनयू अनंत जेएनयू कथा अनंता'

जेएनयू अनंत जेएनयू कथा अनंता किताब जे सुशील ने लिखी है. पढ़िए इस किताब का रिव्यू.

Book Review : समसामयिक भारत में अंतर्विरोधों का आख्यान है 'ऑक्सीयाना और अन्य कहानियां'

Book Review : युवा रचनाकार नितिन यादव की किताब की समीक्षा करते हुए कथाकार-कवि देवेश पथ सारिया कहते हैं, "ऑक्सीयाना और अन्य कहानियां' युवा कहानीकार नितिन यादव का पहला कहानी संग्रह है और इसे पढ़कर यह कहा जा सकता है कि पहले संग्रह के हिसाब से कहानीकार ने चुनौतीपूर्ण विषयों का चयन किया है."

FIRST 100 WRITE-UPS: खास है ये किताब, इसमें हैं विचार, अवसर और समस्याओं के समाधान

टिक-टॉक या इस तरह के छोटे और रुचिकर वीडियो के जमाने में आप चाहते हैं कि बच्चों या किसी में अरुचिकर पुस्तकों को लेकर पेशेंस हो या वे इंट्रेस्ट के साथ पढ़ें तो आप गलत हैं. गलती हमारी है कि हम समय के साथ अपनी लेखन शैली को बदल नहीं रहे हैं.

Book Review: अपने समय की सच्ची कविताओं से बना एक जरूरी कविता संग्रह-इस कविता में प्रेमिका भी आनी थी

"इस कविता में प्रेमिका भी आनी थी' संग्रह में 68  कविताएं हैं. इस संग्रह को उन्होंने बिना किसी आत्म कथ्य या भूमिका के लिखा है.

Book Review : मुगलों और राजपूतों से जुड़े इतिहास के नये पक्ष खोलती है 'औरंगजेब बनाम राजपूत- नायक या खलनायक' किताब

वर्तमान काल खंड में जब औरंगजेब से जुड़े इतिहास के बारे में बार-बार बातें हो रही हैं, यह किताब सभी विगत घटनाओं को नई दृष्टि से देखने की समझ देती है. 

Book Review : स्त्री जीवन के संघर्ष का आईना है ‘इस जनम की बिटिया’ किताब की कविताएं

'इस जनम की बिटिया' में सरिता स्निग्ध ज्योत्सना स्त्री जगत की अथाह पीड़ा को ही सामने ला रही हैं. पढ़िए इस पुस्तक की स्मिता सिंह द्वारा की गई समीक्षा.

Book Review : ‘बारिश तथा अन्य लघुकथाएं’ सुकूनभरी रचनाओं की संगीतमयी रिमझिम है यह किताब

सुभाष नीरव एक ऐसे रचनाकार हैं जो विधा की किसी बंधी-बंधाई परिपाठी का अनुसरण नहीं करते बल्कि खुले आसमान में अपने लिए एक स्पेस बनाते हैं.