डीएनए हिन्दी : मोबाइल फ़ोन को मिनी कंप्यूटर यानि स्मार्ट फ़ोन (Smart Phone) में बदलने वाली कंपनी ब्लैकबेरी का आज आख़िरी दिन है. यह कंपनी अपने ताज़ेपन और मोबाइल फ़ोन को मेल की सुविधा देने के लिए विख्यात हुई थी. उस ज़माने में जब मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल केवल SMS भेजने और फ़ोन करने के लिए होता था, ब्लैकबेरी QWERTY की बोर्ड लेकर आने वाला पहला फ़ोन था. इस वक़्त जब 5G टेक्नोलॉजी अपने पैर पसार रही है, ब्लैकबेरी की कहानी किसी बीते ज़माने की दास्ताँ जैसी लगती है.
BBM यानि ब्लैकबेरी मैंसेंजर ने बदल दी थी फटाफट मेसेज की दुनिया
SMS से मोबाइल चैटिंग के बाद का पहला अपग्रेड ब्लैकबेरी मैसेंजर (BlackBerry Messenger) ने दिया था. बिना किसी टैरिफ चार्ज के तुरंत मेसेज भेजना और जवाब पाना इससे पहले याहू और गूगल टॉक तक ही सीमित था. ब्लैकबेरी उस अनुभव को फ़ोन तक लेकर आया था. शायद इसलिए ही फ़ोन स्मार्ट फ़ोन का दर्जा मिला था. इन स्मार्ट फ़ोन में बाद के दिनों में व्हट्सएप का आगमन हुआ था, जिसने एक नयी क्रांति पैदा की.
बीत चुकी कहानियों के हीरो रह चुके इस ब्रांड के फ़ोन आज के बाद काम करना बंद कर देंगे. इस ब्रांड पर आरोप लगता रहा है कि इसने घर और ऑफिस के बीच की दूरी ख़त्म कर दी. पहले जहाँ कंप्यूटर बंद होते ही मेल बंद हो जाता था, वह सिलसिला ब्लैकबेरी (BlackBerry) के बाद टूट गया. डिनर करते हुए ऑफिस से आये किसी मेल के नोटिफिकेशन की सरदर्दी तो बढ़ाकर लाया था यह ब्रांड पर वह सहूलियत भी दी कि दूर बैठकर भी, बिना किसी लैपटॉपी ताम-झाम के काम निबटाया जा सके.
नेटवर्क कंपनियों द्वारा 2G/3G सर्विसेज को पीछे छोड़ना है ब्लैकबेरी के जाने की अव्वल वजह
इस साल कई बड़ी फ़ोन नेटवर्क कंपनी 2G/3G सर्विसेज को पूरी तरह छोड़ने का मूड बना रही हैं. दौड़ में पीछे रह गये ब्लैकबेरी ने नयी तकनीक के हिसाब से अपनी बेहतरी नहीं की. अभी तक 3G पर चल रहे ये फ़ोन आज की तकनीकी ज़रूरत को पूरा करने में कामयाब नहीं हो पा रहे थे.
बड़े सितारों का फेवरेट था यह ब्रांड
कई साल तक यह सितारों का सबसे प्रिय मोबाइल फ़ोन ब्रांड बना रहा. कहा जाता है कि किम कर्दाशियन के पास कई-कई ब्लैकबेरी फ़ोन हुआ करते थे कि अगर ग़लती से कोई टूट गया तो उसका विकल्प तैयार रहे. बराक ओबामा के बारे में यह मशहूर है कि राष्ट्रपति बनने के बाद भी वे अपना ब्लैकबेरी फ़ोन छोड़ने को तैयार नहीं हुए थे.
अपनी सिक्योरिटी सिस्टम के लिए था नामचीन
ब्लैकबेरी (BlackBerry) को सबसे अधिक तारीफ़ इसके अति-सुरक्षित यूजर इंटरफेस के लिए मिला करती थी. 2014 में कंपनी के प्रमुख ने कहा था कि हम QWERTY की बोर्ड की ओर ही अपना ध्यान केन्द्रित करेंगे. कंपनी टच के प्रति कस्टमर्स के झुकाव को समझने में भी विफल रही थी.
किसी समय में ब्लैकबेरी के मुरीद रहे अभय का कहना है, ब्लैकबेरी का QWERTY कीबोर्ड ख़ास अहसास दिलवाता था. ऐसा लगता था जैसे ज़माना मुट्ठी में है. पहली बार चैटिंग का मज़ा भी ब्लैकबेरी मैसेंजर में ही मिला था. व्हट्सएप जैसी चीज़ें तो बहुत बाद में आयी थीं.
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