डीएनए हिंदी: देश में बढ़ते पेट्रोल डीजल (Petrol-Diesel) के दामों के बीच सरकारें लगातार वैकल्पिक ऊर्जा की ओर काम कर रही हैं. ऐसा ही एक मुद्दा हाइड्रोजन (Hydrogen) फ्यूल से भी जुड़ा है. केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने बताया है कि भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु ने बायोमास गैसीकरण के माध्यम से उच्च शुद्धता हाइड्रोजन उत्पादन के लिए एक उत्पादन संयंत्र स्थापित किया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि हाइड्रोजन फ्यूल से गाड़ी चलाने को लेकर सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है.
तेजी से विकसित हो रहा हाइड्रोजन फ्यूल
दरअसल, राज्यसभा में बजट सत्र के दौरान हाईड्रोजन फ्यूल को लेकर उठे एक सवाल के ज़वाब में केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने लिखित जवाब में कहा है कि चेन्नई स्थित ईंधन सेल प्रौद्योगिकी के लिए एआरसीआई केंद्र ने 20 किलोवाट पीईएम ईंधन सेल स्टैक के उत्पादन के लिए एक एकीकृत स्वचालित विनिर्माण लाइन स्थापित किया है. उन्होंने कहा कि इसी तरह दयालबाग शैक्षिक संस्थान ने पानी के फोटो इलेक्ट्रोकेमिकल विभाजन के माध्यम से हाइड्रोजन उत्पादन के लिए नई सामग्री विकसित की है. वर्ष 2021 में परियोजना के तहत विकसितसामग्री के लिए दो पेटेंट दिए गए थे.
खरीदे गए हैं जरूरी उपकरण
परिवहन मंत्री ने बताया कि हाइड्रोजन ऊर्जा पर उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की परियोजना के तहत गुरुग्राम के राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान ने हाइड्रोजन ईंधन वाले वाहनों सहित विभिन्न अनुप्रयोगों को प्रदर्शित करने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रोलाइज़र और अन्य उपकरण खरीदे हैं.
इसके साथ ही उन्होंने सरकार के नोटिफिकेशन के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि 25 सितंबर, 2020 को अधिसूचित जी. एस. आर. 585 (ई) के तहत सीएनजी के साथ हाइड्रोजन के 18 फीसदी मिश्रण की व्यवस्था जारी की गयी है. इससज वैकल्पिक ऊर्जा के अभियान की सफलता में अधिक तेजी आएगी.
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मंत्रालय तेजी से कर रहा है काम
नितिन गडकरी ने अपने मंत्रालय के कार्यों को लेकर बताया कि नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय अन्य बातों के साथ साथ हाइड्रोजन आधारित परिवहन और ईंधन सेल विकास अक्षय ऊर्जा के विभिन्न पहलुओं में अनुसंधान का समर्थन कर रहा है. इसके तहत ही मंत्रालय द्वारा अक्षय ऊर्जा अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास कार्यक्रम लागू किए गए हैं.
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