डीएनए हिंदी: इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की संख्या में बढ़ोतरी से अब चार्जिंग को लेकर समस्या पैदा हो गई है. दिल्ली सरकार इस समस्या से निजात दिलाने के लिए काम कर रही है. हाल ही सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की कार्यस्थल पर चार्जिंग को प्रोत्साहित करने के लिए गाइडबुक पर काम किया है.
इस गाइडबुक को 29 नवंबर को जारी किया जाएगा. गाइडबुक कार्यस्थलों पर आवश्यक ईवी के लिए चार्जिंग बुनियादी ढांचे के बारे में विस्तार से बताएगी. इसके साथ ही चार्जिंग के दायरे का आकलन करने के लिए कॉर्पोरेट्स का मार्गदर्शन करेगी.
दिल्ली सरकार के डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन (DDC) और वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (WRI) 'वर्कप्लेस इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग गाइडबुक फॉर कॉरपोरेट्स इन दिल्ली' गाइडबुक तैयार कर रहे हैं.
गाइडबुक कार्यस्थलों पर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना के लिए चरण-दर-चरण प्रक्रिया के बारे में जानकारी देगी. जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी में कॉरपोरेट्स के जरिए इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करना है. कहा ये भी जा रहा है कि दिल्ली सरकार का लक्ष्य कॉरपोरेट्स को ईवी भागीदारी के साथ देश का पहला राज्य बनाना है.
हाल के एक अध्ययन के अनुसार, 90 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन या तो घर या कार्यस्थल पर चार्ज किए जाते हैं. हालांकि, वर्कप्लेस पर ईवी को चार्ज करना बड़ी जरूरत बन जाएगी.
सरकार ने यह भी घोषणा की कि वह पुराने डीजल वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने की अनुमति देगी. इसके लिए दिल्ली परिवहन विभाग उन निर्माताओं को सूचीबद्ध करेगा जो पारंपरिक आईसीई वाहनों को ईवी में रेट्रोफिटिंग के लिए इलेक्ट्रिक किट बनाते हैं. इलेक्ट्रिक किट के साथ पुराने डीजल की रेट्रोफिटिंग की अनुमति से राष्ट्रीय राजधानी में ईवी अपनाने को बढ़ावा मिलेगा.
इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जर लगाने पर दिल्ली वासियों को 2,500 रुपये खर्च करने होंगे. दिल्ली सरकार पहले 30 हजार एप्लीकेंट्स को 6 हजार रुपए की सब्सिडी प्रदान कर रही है.
- Log in to post comments

EV charging