डीएनए हिंदी: अमेरिकी ऑटोमोबाइल कंपनी फोर्ड (Ford Motors) ने 7 महीने पहले 2 बिलियन डॉलर की डील के बाद भारत में अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट बंद करने का ऐलान कर दिया था. इसकी वजह यह थी कि फोर्ड का भारतीय मार्केट में शेयर लगातार गिर रहा था और कंपनी की कारों की बिक्री कम हो गई थी. वहीं दूसरी ओर भारत में फोर्ड का प्लांट ईवी (Electric Vehicle) के लिहाज से अहम हो सकता है और अपने नुकसान की भरपाई भी कर सकता है.
तमिलनाडू सरकार ने ली जानकारी
दरअसल, तमिलनाडु में प्रांतीय सरकार फोर्ड के साथ बातचीत कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या उसके कारखाने को प्लांट इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और निर्यात में परिवर्तित किया जा सकता है. वहीं फोर्ड ने यह भी बताया कि वह भारत में एक संयंत्र को निर्यात आधार के रूप में इस्तेमाल करने की संभावना तलाश रहा है. ऐसे में यह बहुत अच्छा कदम साबित हो सकता है क्योंकि भारत में ईवी का उदय कंपनी के लिए नए रास्ते खोल सकता है.
आपको बता दें कि अमेरिकी कार निर्माता कंपनियों के लिए भारत में कोई सार्थक पैठ बनाना मुश्किल रहा है. जनरल मोटर्स (General Motors) ने पांच वर्ष पहले भारत में बिक्री बंद कर दी थी. यह विकल्प विशेष रूप से आशाजनक है, मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) स्थानीय कंपनी है जो कि भारतीय सड़कों पर हर दो कारों में से एक को बेचती है, एक भी ईवी नहीं बनाती है. भारत दुनिया के कुछ सबसे प्रदूषित शहरों का घर है. यहां 2070 तक कार्बन-उत्सर्जन शून्य करने की बात कही थी और ग्रीन एनर्जी बनाने की बात कर रहा है. ऐसे में फोर्ड को फायदा हो सकता है.
सरकारी सब्सिडी में हैं फोर्ड का नाम
आपको बता दें कि फोर्ड इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए उत्पादन से जुड़ी योजना के तहत राज्य सब्सिडी प्राप्त करने के लिए चुनी गई कंपनियों में से एक है जो कार निर्माता को एक नए अवतार के साथ लौटने के लिए प्रेरित कर सकती है. यह अन्य वाहन निर्माताओं के लिए भी सबक हो सकता है. भारत में जीएम का कारखाना वर्षों से बेकार पड़ा है, एक श्रमिक संघ ने पूर्व श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करते हुए संयंत्र को चीन की ग्रेट वॉल मोटर्स को बेचने के सौदे को रोक दिया.
लॉन्च हो रही है प्रीमियम ईवी कारें
फोर्ड भारत में फिगो हैचबैक, इकोस्पोर्ट कॉम्पैक्ट एसयूवी और एंडेवर प्रीमियम एसयूवी जैसे कुछ बेहद सफल उत्पाद लेकर आया लेकिन देश में मारुति और दक्षिण कोरिया की हुंडई के साथ प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल रहा है. वहीं दूसरी ओर ईवी की बात करें तो कि मर्सिडीज-बेंज इस साल असेंबल की गई अपनी प्रमुख एस-क्लास सेडान का इलेक्ट्रिक संस्करण रोल आउट कर सकती है. वहीं बीएमडब्ल्यू भी भारत में कई इलेक्ट्रिक उत्पादों का लॉन्च कर रही है.
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ऐसे में निश्चित है कि भारत में ईवी का मार्केट फोर्ड के लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोकस साफ है कि कंपनियां मेक-इन-इंडिया अभियान के तहत वाहन बनाएं और फिर उन्हें देश विदेश जहां चाहें बेचें. ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि फोर्ड के लिए ईवी के लिहाज से भारत एक खुला मैदान है जहां वो अपनी पकड़ मजबूत कर सकती है.
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