डीएनए हिंदीः मोदी सरकार देश में Electric Vehicles को प्रोत्साहन देने के लिए लगातार काम कर रही है. टाटा से लेकर टेस्ला तक का टारगेट इलेक्ट्रिक वाहनों के इस मार्केट पर अपनी पकड़ बनाना है किन्तु इसके लिए सबसे बड़ी आवश्यकता चार्जिंग स्टेशन की है. ऐसे में सवाल उठता है कि प्रोत्साहन देने के अलावा जमीनी स्तर पर Electric Vehicles के लिए किस स्तर की सुविधाएं हैं. इसको लेकर मोदी सरकार के मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कुछ बड़े बिन्दु रखे हैं जो कि इलेक्ट्रिक वाहनों के यूजर्स को एक बड़ी राहत दे सकते हैं.
संसद में दिया जवाब
Electric Vehicles के चार्जिंग स्टेशन की जानकारी देते हुए मोदी सरकार के मंत्री ने बताया है कि देश में अब तक कुल 452 चार्जिंग स्टेशन बना लिए गए हैं जो कि पहले चरण के 520 स्टेशन के लिहाज से सकारात्मक है. अन्य स्टेशन भी पहले चरण के लिए बना लिए जाएंगे. इसके बाद ही दूसरे चरण का काम शुरू होगा. इस मामले में भारी उद्योग मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने राज्यसभा में बताया कि उनका मंत्रालय इस दिशा में सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के सहयोग से काम कर रहा है.
तेजी से बढ़ रहे चार्जिंग स्टेशन्स
गुर्जर ने कहा, "भारी उद्योग मंत्रालय ने फेम इंडिया स्कीम के पहले चरण के तहत 520 चार्जिंग स्टेशनों/अवसंरचना के लिए सहायता प्रदान की है. इन 520 स्टेशनों में से दिनांक 03-12-2021 तक 452 स्टेशन स्थापित किए जा चुके हैं. साथ ही फेम इंडिया स्कीम के चरण 2 के तहत चार्जिंग अवसंरचना विकास के लिए 1000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. "
वहीं भविष्य के रोडमैप को लेकर उन्होंने बताया, "मंत्रालय ने फेम इंडिया स्कीम के दूसरे चरण के तहत 25 राज्यों/संघ राज्यक्षेत्रों के 68 शहरों में 2,877 इलेक्ट्रिक Electric Vehicles स्टेशनों और 9 एक्सप्रेसवे और 16 राजमार्गों पर 1576 चार्जिंग स्टेशनों को भी मंजूरी दी है."
समन्वयता से हो रहा काम
गौरतलब है कि परिवहन मंत्री नितिन गडकरी लगातार देश में Electric Vehicles के चलन को विस्तार देने के लिए काम करते रहे हैं. वहीं केन्द्रीय मंत्री महेन्द्र नाथ पांडे का मंत्रालय भी इलेक्ट्रिक वाहनों को तीव्रता से चार्ज करने वाले फास्ट चार्जिंग प्रोजक्ट पर काम कर रहा है. इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन को लेकर सरकार के अलग-अलग मंत्रियों का विभाग एक समन्वय बना कर काम कर रहा है.
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