डीएनए हिंदी: आज के समय में दुनियाभर में अनेकों तरह के ऑटोमोबाइल ब्रांड्स हैं. दुनियाभर में दिलचस्प डिजाइन वाली कारें दौड़ रही हैं. सबसे तेज से लेकर, सबसे ज्यादा माइलेज, सबसे कूल डिजाइन, सबसे सुरक्षित, अलग अलग सेगमेंट में कारें मौजूद हैं लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया की सबसे पुरानी कारें कौन कौन सी हैं. कारों की दुनिया में क्रांति लाने के दौरान अलग-अलग तरह के प्रयोग किए गए थे जिनमें कारों के दिलचस्प मॉडल्स सामने आए थे.
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दुनिया की पहली कारों की बात करें थो Cugnot Fardier को स्टीम ट्रेक्टर के नाम से भी जाना जाता है. इसे बनाने का मकसद भारी तोपखाने के आसपास माल ढुलाई करना था. फिर भी इसे एक कार के रूप में माना जाता है. Cugnot Fardier को पॉवर देने के लिए दो-सिलेंडर स्टीम इंजन लगे थे. स्टीम ट्रैक्टर पांच टन का वजन खींच सकता है. यह 4 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक भी जा सकता था.
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पुरानी कारों की लिस्ट में ओम्निबस की हैनकॉक एंटरप्राइजेज भी शामिल है. इस कार में एक 2-सिलेंडर स्टीम इंजन भी शामिल था. यह एक से दूसरी जगह केवल हथियार ले जाने के लिए इस्तेमाल किया जाता था. ग्राहकों को भुगतान करने पर यह परिवहन उपकरण के तौर पर भी काम करता था. इसका इंजन लगभग 100 आरपीएम तक चलता है. यह साथ 14 यात्रियों को ले जाने में सक्षम था.
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ग्रेनविले स्टीम कैरिज को देखकर आज के ट्रैक्टर का लुक याद आ जाता है. यह एक यात्री को बिठाकर ले जाता था. यह कार 2-सिलेंडर वाले स्टीम इंजन से चलता था. ग्रेनविले स्टीम कैरिज की गति 18 मील प्रति घंटे थी, और इसकी चेसिस स्टील से बनी थी.
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इस कार की की बात करें तो यह फ्रांसिसी बिजनेसमैंन काउंट डी डायोन, कार के जनक कहे जाते थे. ला मार्क्विस में लकड़ी, कोयले और कागज के स्क्रैप से चलने वाला इंजन था. हालांकि चलने से पहले, यह भाप बनाने के लिए यह कार 30 मिनट का समय लेती थी जो का अजीब था.
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यह कार कार्ल बेंज द्वारा बनाए गए मॉर्टरवेगन थी इसमें एक मामूली सिंगल-सिलेंडर फोर-स्ट्रोक इंजन था जो सिर्फ 0.75 hp का मंथन करता था. हालांकि यह पहली कार नहीं थी लेकिन यह अब तक की पहली पेट्रोल से चलने वाली कार थी. 1886 बेंज पेटेंट-मोटरवेगन 2 लोगों को बिठा सकती थी. यहां तक कि इसने कार्ल बेंज ने पत्नी, बर्था और उसके दो बेटों को मैनहेम से फोर्ज़ाइम की 180 किमी की यात्रा की थी.
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Hammelvogen एक डेनमार्क निर्मित वाहन था जिसमें एक पावरफुल दो-सिलेंडर वाले इंजन का उपयोग किया था जो कि 3 hp का था. यह अन्य कारों के मुकाबले ज्यादा बेहतरीन था. इसमें रिवर्स गियर और ब्रेक थे जो वास्तव में काम करते थे.
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पैनहार्ड नाम की आस कार में 72 इंच का व्हीलबेस था और इसका वजन लगभग 1,800 पाउंड था. एट लेवसोर को शक्ति देने वाला इंजन भी आश्चर्यजनक रूप से बड़ा था. 1895 Panhard et Levassor में 883.5-cc V2 इंजन लगाया गया था. इसमें 3.5 hp और 700 rpm का पावर जेनरेट करता था.
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अमेरिका में बनी यह Balzer का दिलचस्प थी. स्टीफन बाल्ज़र द्वारा आविष्कृत 1894 में न्यूयॉर्क इस कार का निर्माण हुआ था. यह कार बहुत ही हल्के तीन-सिलेंडर रोटरी माउंटेड इंजन द्वारा संचालित था. इंजन को एक स्थिर क्रैंकशाफ्ट के चारों ओर लगाया गया था जो एक छोटे शाफ्ट को बदल देता था और इसे घुमाने के लिए ड्राइविंग गियर में घुमाया जाता था.
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स्टील-व्हील वाली कार 1889 में Gottlieb Daimler द्वारा व्यापारिक साझेदार विल्हेम मेबैक की मदद से बनाई गई थी. यह उनके साझीदारी में बनाई गई उनकी पहली आधिकारिक ऑटोमोबाइल कार थी जिसमें, उनके इंजन के साथ घोड़े द्वारा खीचने वाली गाड़ी को शामिल नहीं किया गया था.
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USA में पहली गैसोलीन-संचालित कार का निर्माण करने का काम चार्ल्स दुरिया और फ्रैंक ड्यूरिया ब्रदर्स ने किरा था. यह पहली गैसोलीन-संचालित कामर्शियल कार थी. स्प्रिंगफील्ड ने मैसाचुसेट्स की सड़कों पर सितंबर 1893 अपनी पहली कार चलाई. यह सिंगल-सिलेंडर फोर-स्ट्रोक गैसोलीन इंजन द्वारा संचालित कार थी जो वाटर-कूल्ड सिस्टम से लैस थी.