डीएनए हिंदीः दीवारों के भी कान होते हैं, भले ही यह एक कहावत हो लेकिन अब यह सच होता दिखाई दे रहा है और ऐसा लग रहा है कि इसका मुख्य कारण हमारे घर में रहने वाले स्मार्ट स्पीकर्स जो न सिर्फ हमारी बातें सुन सकते हैं बल्कि हमारी जासूसी भी कर सकते हैं. कुछ दिनों पहले मैट कुन्ज (Matt Kunze) नाम के एक रिसर्चर ने इस बात का पता लगाया है कि हैकर्स गूगल होम स्मार्ट स्पीकर को हैक कर उससे लोगों की जासूसी कर सकते हैं.
कुंज नेस्ट मिनी स्पीकर के साथ छेड़छाड़ कर रहे थे तब उन्हें पता चला कि Google होम ऐप का उपयोग करके एक फेक अकाउंट बनाया जा सकता है. इस अकाउंट का इस्तेमाल करके माइक्रोफोन फीड सहित स्मार्ट स्पीकर का रिमोट एक्सेस प्राप्त किया जा सकता है. यह अकाउंट स्मार्ट स्पीकर को कमांड भेजने के लिए क्लाउड एपीआई (एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) का इस्तेमाल करता है. यह एपीआई कई कम्प्यूटर प्रोग्राम्स को कम्यूनिकेट करने की अनुमति देता है.
इसकी मदद से डिवाइस नेम, सर्टिफिकेट और क्लाउड आईडी तक को हैक किया जा सकता है. इस इन्फॉर्मेशन की मदद से हैकर गूगल सर्वर को स्मार्ट स्पीकर को लिंक करने के लिए मैसेज भेज सकता है. इसके बाद इसका इस्तेमाल ऑनलाइन ट्रांजेक्शन, स्मार्ट अप्लायंसेज को कंट्रोल करने और फ्रंट डोर को अनलॉक करने तक के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. कुन्ज ने इसको लेकर एक वीडियो भी रिकॉर्ड किया है और यह रिसर्च करने के लिए उन्हें गूगल की ओर से 1,07,500 डॉलर का इनाम मिला है.
आपके लिए कितने सेफ हैं स्मार्ट स्पीकर्स
एक्सपर्ट्स की मानें तो स्मार्ट स्पीकर्स बनाने वाली कंपनियां यूजर्स के कन्वर्सेशन को रिकॉर्ड कर सकती हैं. उनकी मानें तो यूजर्स को स्मार्ट स्पीकर्स को बेडरूम या बाथरूम में नहीं रखना चाहिए क्योंकि कंपनियों का कहना है कि वो कुछ समय के लिए यूजर्स के वॉयस को रिकॉर्ड करती हैं जिससे वो यूजर्स के कमांड को सही से समझ सकें. लेकिन किसी को नहीं मालूम की इन रिकॉर्डिंग का इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है. इसलिए इन स्पीकर्स को किसी भी प्राइवेट स्पेस में नहीं रखना चाहिए.
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