डीएनए हिंदी: मुंबई की सेशंस कोर्ट ने गुरुवार को साकीनाका रेप मामले (Sakinaka Rape Case) में बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने आरोपी मोहन चौहान को फांसी की सजा सुनाई है. आरोपी ने पिछले साल सितंबर को दरिंदगी की सारी हदें पार कर दी थी. जिसके बाद 11 सितंबर को पीड़ित महिला की मुंबई के राजावाडी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी.
आरोपी मोहन चौहान को 30 मई को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एच सी शेंडे ने रेप और हत्या के लिए भारतीय दंड सहिता की कई धाराओं के तहत दोषी पाया था. अभियोजन पक्ष अधिवक्ता महेश मुले ने बुधवार को कोर्ट में दलील दी थी, 'यह एक महिला और वह भी अनुसूचित जाति की महिला के खिलाफ गंभीर अपराध है. यह रात के समय एक असहाय और अकेली महिला पर भीषण हमला है.'
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कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा
उन्होंने कहा कि इस घटन ने मुंबई जैसे महानगर में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भय उत्पन्न किया है. महेश मुले ने कहा कि इस अपराध के लिए फांसी की सजा मिलनी चाहिए. अभियोजन ने कहा कि यह अपराध दुर्लभतम श्रेणी में आता है. कोर्ट ने सारी दलील सुनने के बाद आरोपी को दोषी माना था और 2 जून को फैसला सुनाए जाने की बात कही थी. वहीं आज कोर्ट ने फांसी की सजा का ऐलान किया है.
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महिला के साथ हुई थी निर्भया जैसी दरिंदगी
बता दें कि आरोपी मोहन चौहान ने पिछले 10 साल सितंबर को मुंबई के साकीनाका इलाके में 32 साल की महिला के साथ रेप किया था. रेप के बाद आरोपी ने महिला के प्राइवेट पार्ट में रॉड डाल दी थी. इसके बाद घायल महिला को टैंपो में डालकर फरार हो गया था. घायल महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान 11 सितंबर को उसकी मौत हो गई थी. इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया था.
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Sakinaka Rape Case: आरोपी को फांसी की सजा, 32 साल की महिला से हुई थी निर्भया जैसी दरिंदगी