डीएनए हिंदी: अंडर 19 वर्ल्ड कप के अपने पहले मुकाबले में भारत ने साउथ अफ्रीका को 45 रन से शिकस्त दी. इस मैच में भारतीय गेंदबाज विकी ओस्तवाल और राज बावा ने बेहतरीन गेंदबाजी से चकित कर दिया. विकी की फिरकी में बल्लेबाज इस तरह चकराए कि एक के बाद एक विकेट गिरते चले गए. विकी ने 10 ओवर में 28 रन देकर 5 विकेट चटकए. वहीं राज बावा ने 6.4 ओवर में 47 रन देकर 4 विकेट निकाले. दोनों गेंदबाज अंडर 19 एशिया कप में भी चमके थे.
कौन हैं विकी ओस्तवाल?
विकी ओस्तवाल पुणे के रहने वाले हैं. उनका जन्म 1 सितंबर 2002 को हुआ था. उन्हें विश्व कप में भारत के प्रमुख 'हथियारों' में से एक माना जाता है. वह पिछले कुछ समय से पिच पर अपने कौशल का प्रदर्शन कर रहे हैं.
𝐀𝐥𝐥 𝐎𝐯𝐞𝐫: A winning start to India U19's World Cup campaign as they beat SA U19 by 45 runs.
— BCCI (@BCCI) January 15, 2022
Vicky Ostwal takes 𝟱-𝟮𝟴 while Raj Bawa takes 4-47🙌🏾
Details - https://t.co/WTnMdNWmzS#U19CWC #BoysInBlue #INDvSA pic.twitter.com/1dovovzbVU
उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ U19 एशिया कप के फाइनल में महत्वपूर्ण तीन विकेट चटकाए और भारत को ट्रॉफी दिलाने में मदद की. एशिया कप फाइनल में वह 'प्लेयर ऑफ द मैच' बने. वह टूर्नामेंट के चार मैचों में छह विकेट के साथ भारत के दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने.
Vicky Ostwal cleaning it up has been voted the @Nissan #POTD from Match 4 of the #U19CWC between India and South Africa 👏 pic.twitter.com/LQhm06DkeH
— ICC (@ICC) January 16, 2022
14 साल की उम्र में उन्होंने महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा आयोजित सीनियर इनविटेशन लीग टूर्नामेंट में खेला था. टूर्नामेंट में उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन कर क्रिकेट के गलियारों में सुर्खियां बटोर लीं.
इसके बाद से ओस्तवाल ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और महाराष्ट्र के लिए अंडर-16 विजय मर्चेंट ट्रॉफी खेली. जल्द ही उन्हें U19 नेशनल टीम का टिकट मिल गया. उन्होंने वीनू मांकड़ ट्रॉफी और U-19 चैलेंजर कप में भी शानदार प्रदर्शन किया है.
कौन हैं राज बावा?
19 साल के राज बावा एक ऐसे परिवार से आते हैं जिनके पास स्पोर्ट्स की लेगेसी है. उनके पिता सुखविंदर बावा भारतीय दिग्गज युवराज सिंह के बचपन के कोच थे. उन्होंने पंजाब में कई घरेलू क्रिकेटरों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
उनके दादा तरलोचन बावा 1950 के दशक से पहले एक प्रतिष्ठित पुरुष हॉकी खिलाड़ी थे और 1948 के लंदन ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे. वह जापान में टेस्ट मैच खेलने वाली हॉकी टीम के कप्तान भी थे. उन्होंने 11 साल तक पंजाब का प्रतिनिधित्व किया और कई मौकों पर यूनिट का नेतृत्व भी किया है.
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जानिए कौन हैं विकी ओस्तवाल और राज बावा