डीएनए हिंदी: पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB)के पूर्व अध्यक्ष जका अशरफ ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. जका का कहना है कि 2012 में जब पाकिस्तान ने भारत का आखिरी बार दौरा किया था तब पीसीबी ने क्रिकेटरों की पत्नियों को उनके साथ भारत भेजा था. यह सीरीज दिसंबर-जनवरी में आयोजित की गई थी.
ताकि कोई विवाद न हो
तत्कालीन अध्यक्ष अशरफ ने कहा कि किसी भी तरह की 'संभावित खतरे' से बचने के लिए खिलाड़ियों पर नजर रखने का फैसला किया गया था. अशरफ ने क्रिकेट पाकिस्तान से कहा, मेरे समय के दौरान जब हमारी टीम भारत दौरे पर गई थी, मैंने सलाह दी थी कि खिलाड़ियों की सभी पत्नियां उनके साथ होंगी. यह निर्णय इसलिए लिया गया ताकि कोई विवाद पैदा न हो क्योंकि भारतीय मीडिया हमेशा इसकी तलाश में रहता है. पत्नियों को साथ रखने का मतलब खिलाड़ियों पर भी नजर रखना था.
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भारत पर लगाए छवि खराब करने के आरोप
हालांकि इस बात से किसी को कोई परेशानी नहीं हुई. सभी ने इसे अच्छे तरीके से लिया और भारत चले गए. सभी अनुशासित रहे. जब भी कोई पाकिस्तान टीम भारत का दौरा करती थी, उनका देश हमेशा हमें फंसाने, हमारे खिलाड़ियों और देश की छवि खराब करने की कोशिश करता था.
अशरफ ने आगे कहा कि हमें हमेशा क्रिकेट के संबंध में भारत सरकार के साथ संबंध बहाल करने का प्रयास करना चाहिए. उन्होंने कहा, अभी हमारे पास सबसे बड़ा फायदा यह है कि जनरल बाजवा वर्तमान में इस पद पर हैं और वह खुद पाकिस्तान क्रिकेट को समृद्ध देखना चाहते हैं.
2012/13 में पाकिस्तान का भारत दौरा अंतिम दौरा बना हुआ है. इस दौरान तीन वनडे और दो टी20 खेले गए थे. दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव के चलते द्विपक्षीय श्रृंखला नहीं हो पाई है. हालांकि पीसीबी के वर्तमान अध्यक्ष रमीज राजा ने आईसीसी मीटिंग में चार देशों की सीरीज का प्रस्ताव रखा लेकिन काउंसिल ने इसे खारिज कर दिया.
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Pakistan ने क्रिकेटर्स की पत्नियों को 'नजर रखने' के लिए भेजा था भारत