डीएनए हिंदी: बैडमिंटन के इंडिया ओपन टूर्नामेंट में गुरुवार को एक करिश्मा हुआ. 20 साल की बैडमिंटन खिलाड़ी मालविका बंसोड़ (Malvika Bansod) ने ओलंपिक्स में ब्रॉन्ज मेडल विजेता साइना नेहवाल को महज 35 मिनट में शिकस्त देकर टूर्नामेंट से बाहर कर दिया. मालविका ने बैडमिंटन की दिग्गज खिलाड़ी को सीधे सेटों में हराकर सुर्खियां बटोर लीं. 31 वर्षीय नेहवाल पहले गेम में 5-7 से पीछे चल रही थीं. मालविका ने पहला गेम 21-17 से जीता इसके बाद दूसरे गेम में जबर्दस्त बढ़त हासिल कर 21-9 से जीत दर्ज की.
कौन हैं मालविका बंसोड़?
नागपुर की मालविका बंसोड़ महज 8 साल की उम्र से बैडमिंटन खेल रही हैं. महाराष्ट्र बैडमिंटन एसोसिएशन (एमबीए) के अध्यक्ष अरुण लखानी ने जीत को शानदार करार दिया है. जूनियर लेवल पर स्पोर्ट्स में बेहतर प्रदर्शन करने के बाद नागपुर की विश्वराज इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने मालविका से पांच साल का कॉन्ट्रैक्ट किया है.
कहा जाता है कि यह कंपनी मालविका को हर साल 4 लाख रुपए देती है. साथ ही कोचिंग और फिटनेस में आने वाला खर्च भी उठाती है. मालविका को सपोर्ट करने वाले विश्वराज समूह के प्रमुख लखानी ने कहा, यह एक शानदार उपलब्धि है, हालांकि यह अप्रत्याशित नहीं है. यह उसकी क्षमता का वास्तविक पहलू है.
इंजीनियरिंग कर रही हैं मालविका
शिवाजी साइंस कॉलेज से पढ़ाई कर चुकी मालविका के पेरेंट डेंटिस्ट हैं. उनकी मां ने स्पोर्ट्स साइंस में मास्टर की डिग्री हासिल की है. वह अपनी बेटी को खेल में मदद करती हैं. मालविका फिलहाल चेन्नई की SRM यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग कर रही हैं.
मालविका पिछले तीन साल से रायपुर में कोच संजय मिश्रा के निर्देशन में ट्रेनिंग कर रही हैं. मालविका की मां उनके साथ रहती हैं. उनके पिता का कहना है कि नागपुर में बेहतर सुविधाएं न होने के बावजूद उन्होंने मालविका के लिए हर जरूरी सुविधा उपलब्ध कराई.
जीत चुकी हैं कई खिताब
मालविका राज्य स्तर अंडर-13 वर्ग का खिताब जीत चुकी हैं इसके बाद वह अंडर-17 चैंपियन रह चुकी हैं. भारतीय स्कूल गेम्स फेडरेशन की प्रतियोगिताओं में मालविका ने तीन गोल्ड मेडल जीते हैं. वहीं राष्ट्रीय स्तर की जूनियर और सीनियर वर्ग के टूर्नामेंट में मालविका 9 गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं.
मालदीव में इंटरनेशनल फ्यूचर सीरीज बैडमिंटन टूर्नामेंट का खिताब जीतकर उन्होंने 2019 में सीनियर इंटरनेशनल लेवल पर डेब्यू किया था. वह एशियन स्कूल बैडमिंटन चैंपयनशिप और साउथ एशियन अंडर-21 रीजनल बैडमिंटन चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं.
कोच ने कही यह बात
मालविका को उसके शुरुआती वर्षों से देखने वाले शहर के कोच भी खुश हैं. मालविका के बचपन की कोच किरण मकोडे के लिए यह गर्व का क्षण रहा. उन्होंने कहा, यह मालविका के करियर में आगे बढ़ने के मनोबल को बढ़ावा देगा. उसे सही समय पर सही परिणाम मिला है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम बनाने से पहले यह पहला बड़ा कदम है. साइना पर जीत हासिल करना यह दर्शाता है कि मालविका कितनी अच्छी तरह परिपक्व हो गई है और उसे अब पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए.
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20 साल की मालविका बंसोड़ ने दी साइना नेहवाल को शिकस्त