डीएनए हिंदी: Cricket Rules- क्रिकेट में गेंद और बल्ले के बीच चैलेंजिंग खेल हमेशा ही सबको भाता है. क्रिकेट फैंस को जितना किसी बल्लेबाज के बल्ले से चौके-छक्के निकलते हुए देखना पसंद है, उतना ही उन्हें किसी गेंदबाज का अपने रिवर्स स्विंग से बल्लेबाज को चकमा देना भी लुभाता है. क्रिकेट के भगवान (God Of Cricket) कहलाने वाले सचिन तेंदुलकर को लगता है कि गेंदबाज अब उतने प्रभावी साबित नहीं हो पा रहे हैं. सचिन तेंदुलकर (SachinTendulkar) ने गेंदबाजों को प्रभावी बनाने के लिए क्रिकेट गेंद पर मैदान के अंदर मुंह की लार (थूक) या पसीना लगाने की परंपरा को दोबारा लौटाने की मांग की है. उन्होंने क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था ICC से गेंद पर लार लगाने से रोकने वाले नियम को खत्म करने की मांग की है. उन्हें लगता है कि इससे क्रिकेट में रोमांच बढ़ेगा.
कोरोना के दौरान लगाया था प्रतिबंध
दुनिया भर में कोरानवायरस महामारी (Coronavirus Panademic) का कहर फैलने के दौरान क्रिकेट में भी बहुत सारे नए नियम लागू किए गए थे. इन नियमों में बायो-बबल प्रतिबंध, सीरीज से पहले क्वारंटीन, पॉजिटिव पाए जाने वाले खिलाड़ियों के लिए रेगुलेशन आदि शामिल थे. अब लगभग पूरी दुनिया में कोविड-19 (Covid-19) का कहर तकरीबन खत्म हो चुका है. इसके चलते कोरोना के दौर के ज्यादातर प्रतिबंध ICC ने हटा दिए हैं, लेकिन गेंद पर मुंह की लार लगाने पर लगा प्रतिबंध अब भी कायम है. सचिन तेंदुलकर ने इंडिया टुडे कॉन्कलेव में इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (International Cricket Council) के कोरोना के दौर में उठाए गए इस कदम को सही बताया, लेकिन साथ ही कहा है कि अब वक्त आ गया है, जब इस प्रतिबंध को खत्म कर देना चाहिए.
क्या कहा सचिन तेंदुलकर ने
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने कहा, मैं कोई मेडिकल एक्सपर्ट नहीं हूं, लेकिन गेंद पर लार लगाना वापस लौटना चाहिए. यह 100 साल से भी ज्यादा समय से चल रहा है और इस दौरान कोई दुर्भाग्यपूर्ण घटना नहीं हुई है. हां, 2020 में यह निर्णय लेना बिल्कुल सही था, लेकिन अब यह हमारे ऊपर है. अब यह ऐसा है, जिसकी अहमियत समझनी चाहिए.
'गेंद बगल में लगाना सही तो लार पर ऐतराज कैसा'
तेंदुलकर ने इस दौरान हाइजीन के मुद्दे पर भी बात की. उन्होंने सलाह दी कि यदि गेंद को हाथ के बगल (Armpit) में गेंद (पसीने) के लिए लगाना सही है, तो फिर लार के उपयोग पर भी कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा, यदि आप सोचते हैं की यह हाइजीनिक नहीं है तो मैंने कई लोगों को गेंद अपनी बगल में लगाते हुए देखा है. जब गेंद नई होती है तो लार बेहद अहम होती है. लार का टेक्सक्चर आपके पसीने से थोड़ा अलग होता है. आप गेंद की एक साइड को भारी और दूसरी साइड को हल्का रखने की कोशिश करते हैं. हम गेंद की लाइट साइड वाले हिस्से को छूते भी नहीं. वजन में यह अंतर गेंद को स्विंग कराने में मदद देता है.
पैट कमिंस भी दे चुके हैं सलाह
सचिन तेंदुलकर से पहले भी आईसीसी को कई क्रिकेटरों ने लार के उपयोग को लेकर सलाह दी है. ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज पैट कमिंस (Australia pacer Pat Cummins) ने हाल ही में कहा था कि ICC को गेंद चमकाने के लिए आर्टिफिशियल वैक्स के इस्तेमाल की इजाजत देनी चाहिए. हालांकि आईसीसी ने उनकी इस सलाह पर अब तक कोई कमेंट नहीं किया है.
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सचिन तेंदुलकर चाहते हैं क्रिकेटर फिर कर पाएं मैदान पर ये काम, कोरोना ने लगवा दिया था इस पर बैन