डीएनए हिंदी: टीम इंडिया के स्टार स्पिनर रहे हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने बीते साल 24 दिसंबर को क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास का ऐलान कर दिया. 23 साल के लंबे करियर में भज्जी दो बार भारत के विश्व कप जीतने का गवाह बने. हालांकि पंजाब चुनाव और उनके संन्यास की टाइमिंग मैच कर रही है. ऐसे में अटकलें तेज हैं कि भज्जी किसी राजनीतिक पार्टी का हिस्सा बन सकते हैं. Zee न्यूज के एडिटर इन चीफ सुधीर चौधरी से खास बातचीत में हरभजन सिंह ने कई खुलासे किए.
सुधीर चौधरी: रिटायरमेंट का ख्याल कब से आने लगा?
हरभजन ने कहा, मैं वैसे वक्त का पाबंद हूं लेकिन इस नतीजे पर पहुंचने में मुझे समय लग गया. मुझे लगता है कि तीन-चार पहले संन्यास हो जाना चाहिए था. इसकी टाइमिंग ठीक नहीं रही लेकिन साल जाते-जाते मैंने मन बना लिया कि अब रिटायर होना है. हालांकि अभी क्रिकेट से दूर नहीं हूं. क्रिकेट की सेवा किसी और तरीके से करूंगा.
भज्जी ने कहा, अब क्रिकेट खेलने की लालसा वैसी नहीं रही, जैसी 20-21 साल में थी. मैं 41वें साल में हूं तो अब वैसी मेहनत करने का मन नहीं करता जैसा पहले करता था. आईपीएल के लिए भी बहुत मेहनत चाहिए इसलिए अब बैठकर सोचूंगा कि कौनसे काम कर सकता हूं.
सुधीर चौधरी: आपके संन्यास और पंजाब चुनाव की टाइमिंग एक जैसी है. क्या राजनीति में आएंगे? पंजाब चुनाव लड़ेंगे?
भज्जी ने कहा, मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा. राजनीति में कब आना है इसका फैसला अभी नहीं किया है. आने वाला समय कैसा होगा, उसपर सोचूंगा और कुछ ऐसा तय करूंगा जो क्रिकेट से भी बड़ा हो. मैं वो रास्ते चुनना चाहूंगा जो लोगों की भलाई के लिए हो. भज्जी ने कहा, मेरी तस्वीर किसी भी पॉलिटिशियन के साथ साझा हो लेकिन मैं कोई पार्टी जॉइन नहीं कर रहा हूं. जब मैं इस पर फैसला लूंगा तब खुद इसके बारे में लोगों को बताऊंगा.
सुधीर चौधरी: क्या इस बात का मलाल रहेगा कि आप ग्राउंड से रिटायर नहीं हुए?
हरभजन ने कहा कि हर क्रिकेटर का सपना होता है कि वह देश की जर्सी में ग्राउंड से रिटायर हो लेकिन कई बार किस्मत आपका साथ नहीं देती. बड़े-बड़े खिलाड़ियों को ग्राउंड से रिटायर होने का मौका नहीं मिला. मुझे लगता है कि यदि बीसीसीआई खिलाड़ियों को एक मैच का मौका दे देती तो उनके सम्मान में बेहतर होता. हालांकि ऐसा नहीं हुआ तो कोई बात नहीं.
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