डीएनए हिंदी: एक तरफ तो हम ओलंपिक्स में मेडल लाने का सपना देखते हैं दूसरी तरफ प्रतिभाओं को सरकार से प्रोत्साहन नहीं मिलता. यही वजह है कि एक युवा खिलाड़ी ने अपना दर्द बयां करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है.
जालंधर की मूक-बधिर शतरंज खिलाड़ी मलिका हांडा ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में कई पदक जीते हैं. मलिका ने रविवार को ट्विटर पर वीडियो पोस्ट कर कहा कि राज्य सरकार उनसे किए गए वादों को पूरा करने में विफल रही है.
मलिका ने वीडियो के साथ एक नोट लिखा. उन्होंने कहा, 31 दिसंबर को मैं पंजाब के स्पोर्ट्स मिनिस्टर से मिली. उन्होंने कहा कि न तो सरकार आपको नौकरी दे सकती है और न ही कैश अवॉर्ड क्योंकि उनके पास मूक बधिर के लिए कोई खेल नीति नहीं है. पूर्व खेल मंत्री ने मुझे कैश अवॉर्ड की घोषणा की थी. इसके साथ ही इंविटेशन लेटर भी दिया था लेकिन यह कार्यक्रम कोविड के कारण रद्द हो गया था.
I m very feeling Hurt
— Malika Handa🇮🇳🥇 (@MalikaHanda) January 2, 2022
31 dec I met sports minister of Punjab @PargatSOfficial
Now He said punjab Govt can not give job and Not cash award accept to (Deaf sports) because they do not have policy for deaf sports.
Cc: @CHARANJITCHANNI @sherryontopp @RahulGandhi @rhythmjit @ANI pic.twitter.com/DrZ97mtSNH
जब मैंने यह बात वर्तमान खेल मंत्री परगट सिंह को बताई तो उन्होंने कहा कि ये घोषणा पूर्व मंत्री ने की थी. मैंने ऐसा कोई वादा नहीं किया और न ही मेरी सरकार इसमें कुछ कर सकती है.
मलिका ने आगे कहा, मैं सिर्फ यह पूछ रही हूं कि फिर इसकी घोषणा ही क्यों की गई? मेरे 5 साल कांग्रेस सरकार की वजह से बर्बाद हो गए. उन्होंने मुझे बेवकूफ बनाया. उन्हें मूक बधिर खेलों की कोई परवाह नहीं है.
मलिका ने कहा, जिला कांग्रेस ने भी मुझे मदद करने का वादा किया था लेकिन 5 साल में कुछ नहीं हुआ. पंजाब सरकार मेरे साथ ऐसा क्यों कर रही है.
कौन हैं मलिका हांडा?
मलिका हांडा पंजाब की बधिर शतरंज खिलाड़ी हैं. उन्होंने 7 बार नेशनल चैंपियनशिप जीती है. उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी कई पदक अपने नाम किए लेकिन आज उन्हें अपने लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.
मलिका 2015 मंगोलिया में हुए अंतर्राष्ट्रीय मूक और बधिर चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल कर चुकी हैं. एशियाई चैंपियनशिप में गोल्ड जीत चुकी हैं. मलिका 90 प्रतिशत तक बधिर हैं. वह करीब 11 साल से चैस खेल रही हैं. मलिका नेशनल चैंपियशिप फॉर डेफ की 4 बार गोल्ड मेडलिस्ट रह चुकी हैं.
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