डीएनए हिंदी: BWF World Championship 2022 में भारतीय खिलाड़ियों का सफर शनिवार को पूरी तरह समाप्त हो गया. हालांकि इस बार भी भारत को पदक मिल गया है. सात्विकसाईराज रंकिरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने भारत को एतिहासिक मेंस डबल्स का पदक दिलाया है. ये विश्व चैंपियनशिप में भारत का पहला पूरुषों के डबल्स स्पर्धा का पदक है. सात्विक-चिराग की जोड़ी ने क्वार्टरफाइनल में चिनी जोड़ी को हराकार ये कारनामा किया. हालांकि सेमीफाइनल में उन्हें मलेशियाई जोड़ी से हार का सामना करना पड़ा.
सेमीफाइनल में भारत के सात्विकसाईराज और चिराग शेट्टी की जोड़ी को छठी वरीयता प्राप्त मलेशियाई जोड़ी से तीन गेम तक चले मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा. भारतीय शटलर्स ने शानदार आगाज किया और पहले गेम में मलेशियन खिलड़ियों को कभी भी आगे निकलने का मौका नहीं दिया. हालांकि विपक्षी खिलाड़ी भी ज्यादा पीछे नहीं रहे लेकिन सात्वित -चिराग ने 22-20 से पहला गेम अपने नाम कर लिया.
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दूसरे गेम में मलेशियाई खिलाड़ियों ने शुरू से ही भारतीय शटलर्स के खिलाफ बढ़त हासिल कर ली. हालांकि एक समय स्कोर 10-10 हो गया था लेकिन उसके बाद आरोन चिया और सोह वू यिक की जोडी ने मैच पर नियंत्रण रखा और लगातार अपनी बढ़त बनाए रखी. दूसरे गेम 21-18 से जीतकर मलेशियाई खिलाड़ियों ने मैच को निर्णायक गेम तक पहुंचा दिया. आखिरी गेम में दोनों टीमों के बीच कांटे की टक्कर देखी गई.
🇮🇳@satwiksairaj & @Shettychirag04 end their #BWFWorldChampionships2022 campaign with a historic 🥉 medal. This is the result of their perseverance, determination & sheer passion 🔥🔝
— BAI Media (@BAI_Media) August 27, 2022
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शुरुआत में दो अंक लेकर भारतीय खिलाड़ियों ने विरोधी टीम पर दबाव बनाने की कोशिश की लेकिन उसके बाद से दोनों टीमों के बीच एक-एक अंक के लिए लंबी रैलियां देखने को मिली. मिड गेम ब्रेक तक आरोन चिया और सोह वू यिक की जोडी 11-10 से आगे थी. हालांकि ये बढ़त भले ही ज्यादा न हो लेकिन सात्विक-चिराग पर मानसिक दबाव जरूर बना रही थी. इसके बाद भारतीय शटलर पूरे गेम में कभी भी मलेशियाई खिलाड़ियों से आगे नहीं निकल सके और तीसरा गेम 21-16 से हार गए.
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हार के बाद भी उन्होंने भारत के लिए ऐतिहासिक पदक जीत लिया है. BWF विश्व चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में पहुंचने वाले खिलाड़ी का पदक सुनिश्चित हो जाता है. बैडमिंटन इतिहास में ये भारत का पहला मेंस डबल्स का मेडल है. भारत ने विश्व चैंपियनशिप में 2011 से लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है और हर बार कम से कम एक पदक जीता है.
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सात्विक-चिराग को सेमीफाइनल में मिली हार लेकिन फिर भी रच दिया इतिहास, जानें कैसे