देश आज बॉक्सिंग चैंपियन निकहत जरीन की सफलता का जश्न मना रहा है. गुरुवार को उन्होंने महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा है. निकहत जरीन का सफर आसान नहीं रहा है. उन्हें विश्व विजेता बनने के लिए बेहद मुश्किल दौर से गुजरना पड़ा है. कभी समाज के दानों ने उनकी राह रोकने की कोशिश की तो कभी लोग पिता की परवरिश पर सवाल खड़े करने लगे. निकहत ने अपनी कामयाबी पर खुद पहली बार कुछ कहा है. पढ़ें उनकी कहानी, उन्हीं की जुबानी.
Slide Photos
Image
Caption
निकहत जरीन ने जीत के बाद कहा कि मैं मेडल साथ लेकर रातभर सोती रही. मेडल छोड़ने का मन नहीं कर रहा था. इतने संघर्षों के बाद जीत मिली इसलिए भावुक हो गई.
Image
Caption
निकहत जरीन ने जीत के बाद कहा कि मेरा सपना था कि मैं ट्विटर पर ट्रेंड करूं, वह पूरा हो गया. जब फोन में नोटिफिकेशन दिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया है तो लगा कि अब इसे बड़ी बात नहीं हो सकती है.
Image
Caption
निकहत जरीन ने कहा कि मेरे सफर में संघर्ष बहुत रहा है. लोग पापा से बोलते थे कि लड़की से बॉक्सिंग करवा रहा है. शादी करवा दो इसकी लेकिन पापा ने बहुत साथ दिया. लोग बॉक्सिंग के कॉस्टयूम पर तंज कसते थे लोग पर भी ऐतराज जताते थे.
Image
Caption
निकहत जरीन ने कहा कि जब पहली बार बॉक्सिंग करने गई तो स्टेडियम में मेरे अलावा कोई और लड़की नहीं थी. लड़कों से फाइट करनी पड़ती थी. बहुत मार भी खाई है.
Image
Caption
निकहत जरीन ने कहा कि मेरे पापा कहते थे कि आज जो लोग बोलते हैं वही कल जब तू चैंपियन बनेगी तो लोग तेरा नाम लेंगे. मैंने अपने प्रदर्शन से उन लोगों को जवाब दिया है.
Image
Caption
निकहत जरीन ने कहा कि लोगों के सपने पूरे होते हैं. मैं विश्व विजेता बनी हूं. हर एक के सपने पूरे होते हैं. अगर ठान लो तो सब मुमकिन हो जाता है.
Image
Caption
एमसी मैरिकॉम के एक सवाल पर भी उन्होंने तंज कसा. निकहत जरीन ने कहा कि जो लोग कहते थे कि निकहत जरीन कौन है वह भी जानते हैं कि निकहत जरीन वर्ल्ड चैंपियन है.
Image
Caption
निकहत जरीन ने कहा कि जो लोग समाज के दबाव में अपने बच्चों को खेलने से मना करते हैं उन्हें सोचना चाहिए कि लड़की किसी से कम नहीं होती है. मैं सबसे बड़ा उदाहरण हूं. अगर मैं प्रेरणा बनूं तो इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता है. (फोटो क्रेडिट- Instagram/zareennikhat)